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10 types of yoga : 10 प्रकार के योग, जो अवश्य जानना चाहिए

Deepa Sahu
18 Jun 2024 3:30 PM GMT
10 types of yoga : 10 प्रकार के योग, जो अवश्य जानना चाहिए
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10 Different Types of Yoga:अधिकांश लोगों को योग के अलग-अलग प्रकार के बारे में पता नहीं होता हैI वे योग के आसनों को ही इसका प्रकार समझते हैं, पर ऐसा नहीं हैI योग के कई अलग-अलग प्रकार होते हैंी ‘योग’ को कई अलग-अलग नामों से जाना जाता हैI इसे प्राणायाम, योग, योगा भी कहा जाता हैI योग एक Sanskrit word है और यह युज शब्द से आया है, जिसका अर्थ होता है इकट्ठा होना या बांधनाI योग शब्द हिंदू धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म में ध्यान की प्रक्रिया से संबंधित हैI योग का अभ्यास बैठ कर किया जाता हैI यह एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जिसमें शरीर, मन और आत्मा संयुक्त होते हैंI योग काफी शक्तिशाली और प्रभावशाली होता हैI इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करने से कई शारीरिक और मानसिक लाभ प्राप्त होते हैंI
अधिकांश लोगों को इसके अलग-अलग प्रकार के बारे में पता नहीं होता हैI वे योग के आसनों को ही इसका प्रकार समझते हैं, पर ऐसा नहीं हैI योग के कई अलग-अलग प्रकार होते हैं, जिससे साधक को कई अलग-अलग लाभ प्राप्त होते हैंI आइए योग के अलग-अलग प्रकार के बारे में विस्तार से जानते हैंI
अष्टांग योग यह योग की सबसे प्रचलित धारा हैI अष्टांग योग के आठ अंग होते हैं, इसलिए इसे अष्टांग योग कहा जाता हैI इसके आठ अंग कुछ इस तरह से हैं: यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधिI इन आठ अंगों के अपने-अपने उप अंग भी होते हैंI इन आठ अंगों में से तीन अंगों पर ही सबसे ज्यादा जोर दिया जाता है, जो हैं आसन, प्राणायाम और ध्यानI भगवान बुद्ध का आष्टांगिक मार्ग भी योग के इन्हीं आठ अंगों का ही एक हिस्सा हैI इस योग को राजयोग के नाम भी जाना जाता हैI
कर्म योग कर्म योग सेवा का मार्ग है और हममें से कोई भी मनुष्य इस मार्ग से नहीं बच सकता हैI कर्म योग का सिद्धांत यह है कि जो आज हम जो कुछ भी अनुभव करते हैं वह हमारे कार्यों द्वारा अतीत में बनाया गया है और किया गया है, यह उसी का फल हैI इस बारे में जागरूक होकर हम वर्तमान को अच्छा भविष्य बनाने का एक रास्ता बना सकते हैं, जो हमें नकारात्मकता और स्वार्थ से बाध्य होने से मुक्त करता हैI कर्म योग आत्म-आरोही कार्रवाई का मार्ग हैI जब हम मन में बिना किसी लालच के अपना काम करते हैं, जीवन निस्वार्थ रूप से अपना जीवन जीते हैं और दूसरों की सेवा करते हैं तो हम कर्म योग करते हैंI
भक्ति योग भक्ति योग, भक्ति के मार्ग के बारे में बताता हैI सभी के लिए सृष्टि में परमात्मा को देखकर, भक्ति योग भावनाओं को नियंत्रित करने का एक सकारात्मक तरीका हैI भक्ति योग का मार्ग हम सभी के लिए स्वीकार्यता और सहिष्णुता पैदा करने का अवसर प्रदान करता हैI
ज्ञान योग अगर भक्ति योग मन का योग हैं, तो ज्ञान योग बुद्धि का योग हैI इस पथ पर चलने के लिए योग के ग्रंथों और प्राचीन ग्रंथों के अध्ययन के माध्यम से बुद्धि के विकास की आवश्यकता होती हैI ज्ञान योग को सबसे कठिन योग माना जाता है और साथ ही साथ यह सबसे प्रत्यक्ष योग भी हैI इस योग में साधक को गंभीर अध्ययन करना होता हैI यह योग उन लोगों को आकर्षित करता है जो बौद्धिक रूप से इसके इच्छुक होते हैंI
हठ योग ‘हठ’ शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है जबर्दस्ती करना, लेकिन जब ‘हठ’ शब्द के साथ ‘योग’ जुड़ जाए, तो वह आध्यात्मिक हो जाता हैI ‘हठ’ शब्द दो अक्षरों से मिल कर बना हुआ हैI पहला शब्द ‘ह’ हकार यानी दाई नासिका स्वर, जिसे पिंगला नाड़ी कहते हैंI दूसरा शब्द ‘ठ’ ठकार यानी बाई नासिका स्वर, जिसे इड़ा नाड़ी कहते हैंI इन दोनों स्वरों के योग से ‘हठ योग’ बनता है, जिससे मध्य स्वर या सुषुम्ना नाड़ी में प्राण का आवागमन होता है और इसमें कुंडलिनी शक्ति व चक्र जागृत होते हैंI
अनुसार योग अनुसार योग, हठ योग का ही एक रूप माना जाता हैI इस योग की शुरुआत अमेरिकी योग टीचर जॉन फ्रेंड ने 1997 में शुरू किया थाI पश्चिम देशों की स्वास्थ्य आधारित दृष्टिकोण और अध्यात्म के तमाम तत्वों को एक साथ मिला कर इस योग को विकसित किया गयाI द स्कूल ऑफ हठ योगा दुनिया भर में योग के टीचर्स के लिए मानक बनाने का काम करता हैI
कुंडलिनी योग कुंडलिनी योग सबसे अधिक आध्यात्मिक और कठिन योग है, जिसका उद्देश्य
spinal cord
के आधार पर ऊर्जा को अनलॉक करना होता हैI इसमें आत्म-जागरूकता और आंतरिक शांति को बढ़ाने में मदद करने के लिए जप, ध्यान और विशिष्ट आसन शामिल होते हैंI लम्बे अभ्यास के बाद इस योग की प्राप्ति होती हैI
प्रसव पूर्व योग प्रसव पूर्व योग खासतौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए तैयार किया गया है, जिसमें Pregnancy की अवधि के दौरान महिलाओं के शरीर में लचीलापन और ताकत बढ़ाने वाले आसनों पर ध्यान केंद्रित किया जाता हैI यह योग गर्भावस्था से संबंधित तनाव और चिंता को कम करने में काफी मददगार होता है, साथ ही यह शरीर को प्रसव के लिए तैयार करने का भी काम करता हैI
यिन योग यिन योग गहरे संयोजी ऊतकों को लक्षित करने का काम करता है, क्योंकि इस योग में साधक को लंबे समय तक आसन धारण करने की जरूरत पड़ती हैI यह योग धैर्य विकसित करने और लचीलेपन को बेहतर बनाने में काफी मदद क
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