लाइफ स्टाइल

स्वस्थ और सुरक्षित प्रेग्नेंसी के लिए ये 5 बातें याद रखें

Kajal Dubey
29 April 2023 1:13 PM GMT
स्वस्थ और सुरक्षित प्रेग्नेंसी के लिए ये 5 बातें याद रखें
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आजकल शादीशुदा जोड़े परिवार बढ़ाने का फ़ैसला काफ़ी सोच-समझकर लेते हैं. देखा जाए तो शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से ऐसा करना काफ़ी अच्छा साबित होता है. प्लैन्ड प्रेग्नेंसी इस लिए भी बेहतर मानी जाती है, क्योंकि इससे मां और बच्चे की सेहत काफ़ी अच्छी रहती है. प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलिवरी के बाद आप और बेबी स्वस्थ रहें इसके लिए कुछ बातों पर ग़ौर करना चाहिए. आइए जानते हैं, प्रेग्नेंसी प्लैन करने से पहले आपको किन बातों की सावधानी रखनी चाहिए यानी क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
करें: अपनी गायनाकोलॉजिस्ट से संपर्क
आजकल की स्ट्रेस भरी ज़िंदगी में कंसीव करना इतना भी आसान नहीं रह गया है. कई महिलाएं कंसीव तो आसानी से कर लेती हैं, पर उसके बाद कुछ न कुछ समस्याएं आती रहती हैं. इसलिए जैसे ही आप यह फ़ैसला करें कि कंसीव करना है तो अपनी गायनाकोलॉजिस्ट से मिलें. वह आपके स्वास्थ्य और मेडिकल हिस्ट्री की पड़ताल करके यह कन्फ़र्म करेंगे कि आप कंसीव करने के लिए शारीरिक रूप से फ़िट हैं. डॉक्टर्स कुछ टेस्ट कराकर यह भी पता लगाते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान आपको कोई समस्या तो नहीं आएगी? कुछ-कुछ मामलों में दवाइयां शुरू करनी पड़ सकती हैं. आप दोनों की जांच और फ़ैमिली हिस्ट्री के आधार पर डॉक्टर यह बता सकते हैं कि कहीं बेबी को कोई अनुवांशिक बीमारी होने की तो संभावना नहीं है.
इसके अलावा डॉक्टर्स प्रेग्नेंट महिलाओं को ज़रूरी वैक्सीन्स भी लगाते हैं, जैसे-जर्मन मीसेल्स या रुबेला इन्फ़ेक्शन से बचानेवाली वैक्सीन्स. प्रेग्नेंसी के दौरान हेपेटाइटिस बी, चिकन पॉक्स, टीडीएपी के लिए भी वैक्सिनेट किया जाता है. इन सबकी जानकारी आपको समय-समय अपने गायनाकोलॉजिस्ट से मिलते रहने से मिलेगी.
न करें: गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन
प्रेग्नेंट होने के लिए आपको कुछ समय पहले से ही गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन बंद करना होगा. ऐसा करने से आपके पीरियड्स और फ़र्टिलिटी को सामान्य होने में मदद मिलेगी. हो सकता है कि कुछ समय तक आपके पीरियड्स अनियमित रहें, पर घबराएं नहीं. कुछ मामलों में गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन बंद करते ही गर्भधारण हो जाता है. अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो तो घबराने की बात नहीं है. इससे बेबी को कोई नुक़सान नहीं होनेवाला है.
वैसे आंकड़ों की मानें तो 30 प्रतिशत महिलाएं ट्राय करने के एक महीने के अंदर कंसीव कर लेती हैं, 45 प्रतिशत छह महीनों में गर्भधारण करती हैं, 10 से 15 प्रतिशत महिलाओं को एक साल लगता है और बाक़ी 10 से 15 प्रतिशत महिलाओं को एक साल से अधिक समय लगता है. कहने का मतलब यह है कि आप धैर्य रखें.
बिल्कुल भी न करें: स्मोकिंग और ड्रिंकिंग
वैसे स्मोकिंग और ड्रिंकिंग से तो आम दिनों में भी दूर ही रहें तो बेहतर होगा, पर अगर आप कंसीव करना चाहती हैं या आपने कंसीव कर लिया है तो इनसे दूरी बना लेने में ही भला है. प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग से मिसकैरेज हो सकता है. प्रीमैच्योर बर्थ, बेबी का लो बर्थ वेट, चेस्ट इन्फ़ेक्शन आदि होने की भी संभावना रहती है. अगर आप प्रेग्नेंसी प्लैन कर रही हैं तो पार्टनर की स्मोकिंग और ड्रिंकिंग पर रोक लगाना सही रहेगा, क्योंकि अगर वह ऐसा नहीं करता तो उसके स्पर्म की क्वॉलिटी पर फ़र्क़ पड़ेगा और आपके प्रेग्नेंट होने की संभावना पर भी.
करें: सही डायट का पालन
सेहत की कुंजी सही खानपान ही है. आपको अपने खानपान में हेल्दी चीज़ें शामिल करनी होंगी. अपने खानपान में प्रोटीन से भरी चीज़ें ज़रूर रखें, जैसे-दालें, बीन्स, नट्स, अगर नॉन वेज खाती हों तो चिकन, मीट, अंडे और मछलियां भी. शरीर को पर्याप्त स्टार्च की पूर्ति के लिए चावल, पास्ता, आलू, सीरियल्स लें. यह लक्ष्य रखें कि कम से कम पांच फल-सब्जि़यां खाना ही है. दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी प्रॉडक्ट्स को अपनी डायट में शामिल करें. ख़ूब पानी पिएं और प्रोसेस्ड फ़ूड व सॉफ़्ट ड्रिंक्स आदि से दूरी बना लें. विटामिन्स की बात करें तो विटामिन बी के तहत आनेवला फ़ॉलिक एसिड बच्चे के नर्वस सिस्टम के डेवलपमेंट के लिए बहुत ज़रूरी है. इसलिए डॉक्टर की सलाह पर इसके सप्लिमेंट्स लेना भी शुरू कर दें.
करें: तन और मन को फुर्त और चिंता मुक्त
शरीर को फ़िट रखने के लिए डॉक्टर की सलाह पर आप वॉकिंग, स्विमिंग और योग के कुछ आसान कर सकती हैं. हां, खेलों से जुड़ी गतिविधियों से दूर ही रहें, क्योंकि उनमें गिरने या चोटिल होने का ख़तरा होता है. और एक बात प्रेग्नेंसी में आपका वज़न बढ़ेगा ही, उसको लेकर बेवजह की चिंता न करें. अगर चिंता की बात होगी तो डॉक्टर आपको ज़रूर टोकेंगे.
मानसिक शांति के लिए गाने सुनना, किताबें पढ़ना और मेडिटेशन कुछ अच्छे विकल्प हैं. आपको अपना स्क्रीन टाइम कम करना होगा, क्योंकि इससे बेवजह का स्ट्रेस बढ़ता है. सोशल मीडिया से भी दूरी बना लें तो अच्छा रहेगा.
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