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जिस तरह मानसून में बारिश का होना तय है, उसी तरह इस मौसम में बालों का झड़ना (hair loss) निश्चित है
जिस तरह मानसून में बारिश का होना तय है, उसी तरह इस मौसम में बालों का झड़ना (hair loss) निश्चित है। यदि इस मौसम में आपके बाल भी सामान्य से थोड़े ज्यादा झड़ रहे हैं तो यह बिल्कुल सामान्य बात है। जी हां, इस बात से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। वर्ल्ड ट्राइकोलॉजी सोसाइटी के अध्ययन में यह बात सामने आई है कि नमी वाले मौसम में बालों का झड़ना लगभग 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
बारिश के मौसम में क्यों झड़ते हैं बाल
मानसून में पर्यावरण में मौजूद अत्यधिक नमी की वजह से बाल झड़ते हैं। बाल इस नमी को सोख लेते हैं और रूखे, उलझे और बेजान नजर आते हैं।
इसकी स्वाभाविक नमी कम होती है, जिसकी वजह से सिर की त्वचा भी रूखी नजर आती है।
ये बालों के फॉलिकल्स को कमजोर बनाते हैं और बाल झड़ने लगते हैं।
नमी के बढ़ने से बालों के फॉलिकल्स बंद हो जाते हैं और जिससे बाल चिपचिपे हो जाते हैं।
एक दिन में कितने बाल झड़ना सामान्य बात
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (एनसीबीआई) के अनुसार, सामान्य मौसम में एक दिन में व्यक्ति के 80-100 बाल झड़ते हैं। जबकि मॉनसून के दौरान, एक व्यक्ति के प्रतिदिन 250 बाल झड़ते हैं।
बाल झड़ने का कारण
बालों का झड़ना अनियंत्रित थायरॉइड के स्तर, एनीमिया (हीमोग्लोबिन का निम्न स्तर), हॉर्मोन्स का सही रूप में काम ना करना, पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) और हाई ब्लड प्रेशर के भी संकेत हो सकते हैं। यही वजह है कि बालों के आसामन्य तरीके से झड़ने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है। बालों के झड़ने की समस्या को नजरअंदाज करने से यह कई लोगों में पूरी तरह से गंजेपन का कारण बन सकती है, खासकर उन लोगों में जिन्हें आनुवंशिक रूप से बालों के झड़ने की समस्या का जोखिम है।
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