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तिल खाने के हैं कई फायदे, इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ हड्डी को भी बना सकता है मजबूत

Kajal Dubey
15 May 2023 2:05 PM GMT
तिल खाने के हैं कई फायदे, इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ हड्डी को भी बना सकता है मजबूत
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सर्दी धीरे-धीरे कम हो रही है, संक्रांति भी आ गई है। इस मौके पर घर में तरह-तरह के पकवान बनते हैं। इन पकवानों में एक चीज कॉमन होती है और वो है तिल (Sesame Seeds)।
मकर संक्रांति पर तिल के व्यंजनों का काफी महत्व होता है। तिल और गुड़ (Jaggery) को मिलाकर कई टेस्टी पकवान बनाए जाते हैं। गुड़ के साथ मिलकर तिल की न्यूट्रिशन वैल्यू और भी बढ़ जाती है। गुड़ खाने के फायदे (Healthy benefits of Jaggery) के बारे में जानने के लिए इस लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं।
तिल सदियों से भोजन का एक अहम हिस्सा रहा है। कई लोग इसको टेस्ट के कारण तो कुछ इसके गुणों की वजह से इसका सेवन करते हैं। काफी लोगों को अभी भी इसके औषधीय गुणों (Medicinal properties) के बारे में जानकारी नहीं है। इसका सेवन शरीर को हेल्दी (Body healthy) रखने के साथ ही न्यट्रिशन संबंधी कई लाभ पहुंचाता है।
कुछ लोग इन पारंपरिक फूड आयटम्स को बेकार मानते हैं। लेकिन उनको बताना चाहूंगा जब कोई मेडिसिन काम नहीं करती तो हमेशा घरेलू इलाज ही काम आते हैं। इसी तरह तिल भी एक घरेलू मेडिसिन की तरह ही काम करती है। उदाहरण के लिए देखें तो कोरोना महामारी के समय में जिन्होंने कभी जिंदगी में काढ़ा नहीं पिया था उन लोगों ने भी काढ़े का सेवन किया।
जब कि हमारी दादा-नानी मेडिसिन की जगह ये देसी चीजों का सेवन करकेही अपने आपको फिट रखती थीं।
इसलिए आज इस आर्टिकल में मैं आपको तिल खाने के बेनिफिट्स के बारे में बताऊंगा, जिन्हें पढ़कर आप भी सर्दियों में इसे अपनी डाइट में शामिल करेंगे। सर्दियों में कौन से फूड्स खाने से शरीर गर्म बना रहता है इस बारे में जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।तिल क्या है (What Is The Seasame Seeds / Til)
तिल मुख्यत: तीन रंग का होता है। सफेद, लाल एवं काला।
अधिकतर घरों में सफेद और काले तिल का इस्तेमाल किया जाता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इसकी खेती होती है। इसका सेवन अधिकतर सर्दियों में किया जाता है। विदेशों में तिल का प्रयोग ताहिनी (Tahini) नाम के पेस्ट के रूप में किया जाता है।
इसके पौधे में से तीखी महक आती है और यह लगभग 30-60 cm लंबा होता है। पौधे पर आने वाली फली के अंदर का बीज ही तिल होता है। अगस्त से अक्टूबर के बीच इसकी खेती उपयुक्त मानी जाती है।
काला तिल सबसे अधिक, सफेद तिल मीडियम और लाल तिल सबसे कम फायदेमंद होता है।
तिल यानी सीसेम सीड के फायदे (Benefits Of Seasame Seed / Til)
1. न्यूट्रिशन और प्लांट प्रोटीन का है सोर्स
तिल की न्यूट्रिशन वेल्यू काफी अधिक होती है इसलिए इसे काफी अच्छा माना जाता है।
3 टेबल स्पून या 30 ग्राम तिल में लगभग 5 ग्राम प्रोटीन होता है। आपको तो अंदाजा है ही कि प्रोटीन शरीर के लिए कितना जरूरी होता है। प्रोटीन वेट लॉस और मसल्स गेन में भी मदद करता है। (1)
साथ ही तिल में फाइबर, ओमेगा 6, मोनोअनसैचुरेटेड फैट भी काफी मात्रा में होता है, जो इसे न्यूट्रिशन का कॉम्बो पैक बना देता है।
28 gm तिल में ये न्यूट्रिशन होते हैं।
कैलोरी : 160 Cal
प्रोटीन : 5 gm
फाइबर : 3.3 gm
कॉपर : RDI का 57%
मैंगनीज : RDI का 34%
मैग्नीशियम : RDI का 25%
मोनोअनसैचुरेटेड फैट : 5.3 gm
ओमेगा 6, फैट: 6 gm
RDI - Reference Daily Intake (रोजाना शरीर की जरूरत)
2. हड्डियों को मजबूत बनाने में है मददगार
ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) की समस्या कई लोगों में देखने को मिलती है। इसका कारण होता है हड्डी कमजोरी होना।
जानकारी के मुताबिक 35 साल की उम्र के बाद बोन मास कम होने लगता है और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।
तिल को पका हुआ (Hulled) और बिना पका (Unhulled) खाने पर उसकी न्यूट्रिशन वेल्यू बदल जाती है। तिल में हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए निम्न न्यूट्रिशन पाए जाते हैं।
कैल्शियम (Calcium) : बिना पके हुए तिल में RDI का 22% और और पके हुए तिल में 1%
मैग्नीशियम (Magnesium) : बिना पके हुए तिल में RDI का 25% और पके हुए तिल में भी 25%
मैंगनीज (Manganese) : बिना पके हुए तिल में RDI का 19% और पके हुए तिल में भी 19%
जिंक (Zinc) : बिना पके हुए तिल में RDI का 21% और पके हुए तिल में 18%
3. सूजन को कम कर सकता है
तिल के सेवन से कुछ हद तक सूजन में भी राहत मिल सकती है। लंबे समय तक रहने वाली सूजन से कई बीमारी भी हो सकती हैं। जैसे मोटापा (obesity), कैंसर (cancer), क्रोनिक कंडीशन (chronic conditions) और किडनी समस्या (kidney disease ) आदि। (3)
स्टडी के मुताबिक यदि किडनी की समस्या में कोई इंसान 18 ग्राम फ्लेक्स सीड (flaxseed), 6 ग्राम तिल और कद्दू के बीज का सेवन 3 महीने तक करता है तो उसकी किडनी की समस्या 51 से 79 प्रतिशत तक कम हो सकती है। (4)
आप चाहें तो डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन कर सकते हैं।
4. स्ट्रेस और डिप्रेशन से लड़ने में मददगार
तिल में टाइरोसिन नाम का अमीनो एसिड होता है, जो सीधे सेरोटोनिन एक्टिविटी से जुड़ा होता है। सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो कि हमारे मूड को प्रभावित करता है। इसलिए इसके बैलेंस के लिए ऐसे फूड्स का सेवन करना चाहिए जो सेरोटोनिन में हाई होते हैं।
ऐसे में तिल का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। और इसे आसानी से किसी भी विधि द्वारा खाया भी जा सकता है।
5. इम्यूनिटी बढ़ाने में भी करता है मदद
तिल के सेवन से इम्यूनिटी भी बढ़ सकती है। यह कई न्यूट्रीएंट्स का काफी अच्छा सोर्स है। इसमें जिंक, सेलेनियम, कॉपर, आयरन, विटामिन बी 6 और विटामिन ई अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं।
शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं (white blood cells) को एक्टिव रखने और डेवलप करने के लिए जिंक की जरूर होती है। यह तिल में पाया जाता है। जिंक की कमी से भी आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है।
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