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आइए जानते हैं अपने हाथों को मिट्टी में गंदा करने के सेहत से जुड़े क्या-क्या फ़ायदे हैं?
1. दूर होता है स्ट्रेस
विभिन्न शोधों में पाया गया है कि अपने बाग़वानी के शौक़ को समय देनेवाले लोग रिलैक्स्ड रहते हैं. चूंकि आप रिलैक्स्ड रहते हैं, आपकी कार्यक्षमता (प्रोडक्टिविटी) में भी बढ़ोतरी होती है. साथ ही बाग़वानी के चलते आपका इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है. गार्डनिंग को दिनचर्या का हिस्सा बनानेवाले लोगों में कॉर्टिसॉल, जिसे स्ट्रेस हॉर्मोन भी कहा जाता है, का स्तर कम होता है. यानी हाथों को मिट्टी में गंदा करके आप अपना तनाव घटा सकते हैं.
2. होता है, अच्छा व्यायाम
गार्डनिंग करते समय शरीर का अच्छा व्यायाम हो जाता है. गार्डनिंग के दौरान आपको खुदाई, गुड़ाई, निराई, सिंचाई जैसी तमाम गतिविधियां करनी होती हैं. ये गतिविधियां कार्डियो एक्सरसाइज़ जितनी फ़ायदेमंद होती हैं. शरीर में रक्त संचार को बढ़ाने का काम भी इन गतिविधियों से हो जाता है. यदि आपको जिम जाने में बोरियत महसूस होती हो तो फ़िट रहने का यह तरीक़ा अपना सकते हैं.
3. बढ़ती है ख़ुशहाली
धूल-मिट्टी में प्राकृतिक ऐंटी-डिप्रेसेंट पाया जाता है, जिसे मायकोबैक्टेरियम वैके कहा जाता है. रिसर्च बताते हैं, ऐंटी-डिप्रेसेंट माइक्रोब साइटोकिन लेवल को बढ़ाने का काम करते हैं, जिससे सेरोटोनिन के प्रोडक्शन में वृद्धि होती है. सेरोटोनिन ख़ुशहाली को बढ़ाने के लिए जाना जाता है. इसके अलावा जब आप अपने हाथों से रोपे गए पौधों को बढ़ते, उनमें फूल या फल लगते देखते हैं तो आपको अंदर से प्रसन्नता होती है. एक संतुष्टिदायक एहसास होता है.
4. मिलती है, सेहतमंद खाने की प्रेरणा
देखा गया है कि जो लोग होम गार्डनिंग करते हैं, वे ऐसा न करनेवालों की तुलना में सेहतमंद चीज़ें खाते हैं. उनके खाने में फल और सब्ज़ियां अधिक होती हैं. घर पर उगाए गए फल और सब्ज़ियों की बराबरी भला कौन कर सकता है.
5. दिमाग़ होता है मज़बूत
3,000वयस्कों पर लंबे समय तक चले एक शोध के बाद यह पाया गया कि गार्डनिंग करनेवाले लोगों में भूलने की बीमारी होने की संभावना गार्डनिंग से कोई सरोकार न रखनेवालों की तुलना में 36% तक कम होती है. दरअस्ल गार्डनिंग की गतिविधियों में ख़ुद को खपाकर हम अपने दिमाग़ को अधिक ऐक्टिव कर देते हैं, जिससे उसकी कार्यक्षमता बढ़ जाती है.
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