बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपने नाम में एक अतिरिक्त अक्षर ‘पी’ जोड़कर किसी अन्य एसोशिएशन की नकल के आरोपी ‘कलारीपयट्टू’ के एक संघ को सोसायटी के रजिस्ट्रार द्वारा प्रदत्त पंजीकरण प्रमाण पत्र को रद्द करते हुए उसे प्रदान की गई सभी संबद्धताएं और अनुदान निरस्त कर दिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कर्नाटक कलारीपयट्टू एसोसिएशन की ओर से दायर की गई याचिका को न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश वाली पीठ ने अनुमति दे दी है और प्रतिवादी संघ ‘कर्नाटक कलारीपयट्टू एसोसिएशन’ की संबद्धता और पंजीकरण को हाल के एक आदेश में रद्द कर दिया है।
प्रतिवादी संघ न्यायालय की कार्यवाही से अनुपस्थित रहा और अदालत में उसका प्रतिनिधित्व भी नहीं किया गया।कर्नाटक कलारीपयट्टू संघ ने अपनी याचिका में केंद्रीय युवा एवं खेल मामलों के मंत्रालय, कर्नाटक युवा मामलों के विभाग, रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज और भारतीय खेल प्राधिकरण को प्रतिवादी बनाया है।प्रतिवादी एसोसिएशन को सोसायटी रजिस्ट्रार द्वारा पंजीकरण प्रदान किया गया था और बाद में अन्य प्राधिकारियों द्वारा मान्यता प्रदान की गई थी।