तालाबों के जीर्णोधार के लिए योजनायें बनी लकिन सारी योजनायें कागजों में ही रह गयी
राँची: शहरी क्षेत्र अंतर्गत लगभग सभी तालाबों की स्थिति बदतर है. कई बार इन तालाबों के जीर्णोधार के लिए योजनायें बनी लकिन सारी योजनायें कागजों में ही रह गयी. अब इन तालाबों की स्थिति गंदे नाले के पानी में परिवर्तित हो गयी है. सबसे बुरा हाल पटपटिया बांध, शांति नगर तालाब, कोलरा बांध, जोड़ा पोखर …
राँची: शहरी क्षेत्र अंतर्गत लगभग सभी तालाबों की स्थिति बदतर है. कई बार इन तालाबों के जीर्णोधार के लिए योजनायें बनी लकिन सारी योजनायें कागजों में ही रह गयी. अब इन तालाबों की स्थिति गंदे नाले के पानी में परिवर्तित हो गयी है. सबसे बुरा हाल पटपटिया बांध, शांति नगर तालाब, कोलरा बांध, जोड़ा पोखर और मुलार्स टैंक तालाब का है. पटपटिया बांध, शांति नगर तालाब, कोलरा बांध तालाब के पास से गुजरने से ही बदबू आती है. आस पास के रिहायशी मोहल्लों के नालियों का पानी इन्ही तालाब में गिरता है. ग्राउंड वाटर को मेनटेन करने के लिए आस पास तालाब, डोभा, पनसोखा का निर्माण करवाया जाता है. बाकायदा सरकार जलस्त्रत्तेत के लिए काफी पैसे खर्च कर रही है, लकिन गोड्डा शहरी क्षेत्र के तालाबों की स्थिति बदतर है. पिछले 6 वर्षों में शहर के एक मात्र राजकचहरी तालाब के जीर्णोधार का कार्य शुरू किया गया है. वर्ष 2022 में शहर के सभी छोटे बड़े नाली, नालों, सड़क निर्माण और 6 पोखरों के निर्माण का नगर परिषद् की और से टेंडर निकाल कर कार्य शुरू किया गया था. लेकिन तभी किसी कारण से नगर परिषद् ने इन कार्यों पर स्टे लगा दिया था. और मामला कोर्ट में चला गया. अब हाई कोर्ट से स्टे हटाने का फैसला आया है. अगर सब कुछ ठीक रहा जल्द ही तालाबो का जीर्णोधार होगा.
2019 में कोलरा बांध का किया हुआ उद्घाटन लेकिन आज तक काम शुरू भी नहीं हो सका
शहर के 6 तालाबों के जीर्णोधार का कार्य पिछले वर्ष शुरू हुआ था. मामल हाईकोर्ट में था. अब फैसला आ गया है. नगर परिषद् से आदेश निर्गत होते ही सभी तालाबों के जीर्णोधार का कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा.
जितेन्द्र मंडल, निवर्तमान नप, अध्यक्ष