झारखंड

Jharkhand : अच्छी खबर, धनबाद-पटना गंगा दामोदर एक्सप्रेस दुमका स्टेशन तक चलेगी

26 Jan 2024 12:52 AM GMT
Jharkhand : अच्छी खबर, धनबाद-पटना गंगा दामोदर एक्सप्रेस दुमका स्टेशन तक चलेगी
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रांची : धनबाद-पटना गंगा दामोदर एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 13329) से पटना पहुंचने के बाद (ट्रेन संख्या 13334 ) बनकर दुमका स्टेशन पर ब्रेक लेगी. इस ट्रेन का परिचालन बधुवार यानी (24 जनवरी ) से चालू हो गया है. बता दें, यह ट्रेन सुबह के वक्त 6:40 बजे पटना से प्रस्थान करेगी और 11:05 बजे भागलपुर …

रांची : धनबाद-पटना गंगा दामोदर एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 13329) से पटना पहुंचने के बाद (ट्रेन संख्या 13334 ) बनकर दुमका स्टेशन पर ब्रेक लेगी. इस ट्रेन का परिचालन बधुवार यानी (24 जनवरी ) से चालू हो गया है. बता दें, यह ट्रेन सुबह के वक्त 6:40 बजे पटना से प्रस्थान करेगी और 11:05 बजे भागलपुर और दोपहर 1:30 बजे दुमका आ जाएगी. इस दौरान पटना और दुमका के बीच इस ट्रेन का ठहराव राजेंद्र नगर, बख्तियारपुर, बाढ़, किऊल, अभयपुर, जमालपुर, सुल्तानगंज, भागलपुर, बाराहाट, हंसडीहा, नोनीहाट और बारापलासी इन सभी स्टेशनों पर होगा.

लौटते समय यह (ट्रेन संख्या 13333) दुमका-पटना एक्सप्रेस दोपहर 2:05 बजे दुमका से रवाना होगी और रात्रि के समय 9:45 बजे पटना आ जाएगी. फिर यह ट्रेन पहले जिस प्रकार रात के वक्त 11:30 बजे पटना से रवाना होगी और सुबह के वक्त धनबाद स्टेशन पहुंचेगी. इस ट्रेन की वजह से पटना-दुमका के बीच एक दर्जन से अधिक जिलों के लोगों को लाभ मिलेगा.

देश के विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थानों के लिए आस्था स्पेशल ट्रेन चलेगी. इन ट्रेनों की खासियत यह होगी कि आपको सफर के लिए कम किराया देना होगा. बता दें, रेलवे ने इन ट्रेनों का किराया टेलिस्कोपिक आधार पर वसूलने का फैसला किया है. मूल किराया टेलीस्कोपिक होगा.

सिंगल टिकट में यात्रा कर सकेंगे
बता दें, सफर के प्रस्थान और वापसी के लिए एक ही टिकट जारी किया जाएगा. यानी की यात्रियों को अब कही सफर के लिए वापसी टिकेट खरीदने की आवश्यकता नहीं. लेकिन, सफर करने वालों को आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट शुल्क, खानपान शुल्क और जीएसटी शुल्क के साथ-साथ भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) का सेवा शुल्क भी अलग से देना होगा. इससे लेकर रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर पैसेंजर मार्केटिंग विपुल सिंघल ने सभी जोनल रेलवे को इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. फिलहाल इस नियम को प्रायोगिक रूप से सिर्फ 1 साल के लिए लागू किया गया है.

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