Jharkhand : झारखंड में ठंड ने अपना प्रकोप बरपाना शुरू कर दिया, मरीज भारी संख्या में पहुंच रहे रिम्स

रांची : राज्य सहित देशभर में ठंड ने अपना प्रकोप बरपाना शुरू कर दिया है. इस बीच इस सीजन में बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगा है. ठंड के शुरू होते ही भारी संख्या में अपनी-अपनी समस्या लेकर मरीज अस्पतालों की ओर रूख कर रहे है. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की बात करें …
रांची : राज्य सहित देशभर में ठंड ने अपना प्रकोप बरपाना शुरू कर दिया है. इस बीच इस सीजन में बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगा है. ठंड के शुरू होते ही भारी संख्या में अपनी-अपनी समस्या लेकर मरीज अस्पतालों की ओर रूख कर रहे है. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की बात करें तो यहां मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने लगी है. यहां ब्रेन स्टॉक और फेफड़े के इन्फेक्शन के मरीज लगातार बड़ी संख्या में पहुंच रहे है. खासकर सांस से संबंधित अस्थमा और सीओपीडी के मरीज काफी परेशान है. वहीं दूसरी ओर दूसरी तरफ चाइनीज निमोनिया और कोरोना का खतरा भी लोगों के सिर पर मंडराने लगा है कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 ने लोगों की चिंता तो बढ़ाई है इस सब के बीच अब कोरोना को लेकर राज्य में स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गई है. हालांकि इन सबके राज्य के कुछ डॉक्टरों ने ठंड के इस मौसम में बच्चे और बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखने की अपील दी है.
ICU में भर्ती होने तक की आ जाती है नौबत- डॉक्टर
छाती रोग विशेषज्ञ डॉ ब्रजेश मिश्रा ने कहा है कि जिनकी बुजुर्गों की उम्र 65-70 साल से अधिक है उन्हें ठंड में ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अघर उन्हें दो या तीन दिनों से अधिक समय तक परेशानी हो रही है तो वे चिकित्सीय सलाह लेकर दवा लें और आराम करें. उन्होंने कहा कि अधिक उम्र होने की वजह से कभी-कभी सांस फूलने लगता है ऐसे वक्त में ICU में भर्ती होने तक की नौबत आ जाती है अगर ऐसी स्थिति सामने आ रही हो तो इसे इग्नोर बिल्कुल भी न करें बल्कि अपने निकतम अस्पताल जाकर चिकित्सक से मिले और उनसे अपने समस्या से संबंधित जरूरी सलाह लें. डॉ ब्रजेश मिश्रा ने कहा कि अस्थमा सीओपीडी के लोगों को इस सीजन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस मौसम में नाक से पानी आना, छिंक आना ये आम बात है लेकिन ये सभी सिटम्स बढ़ धीरे धीरे बढ़ जाते हैं. ऐसे में बुजुर्गों को एहतियात बरतने की अधिक जरूरत होती है. क्योंकि एक ही साथ उनकी बहुत सारी दवाईयां चलती है. ऐसे में वे अपना खास ख्याल रखें.
5 साल से कम उम्र के बच्चों में पाया जा रहा चाइनीज निमोनिया- डॉक्टर
वहीं छाती रोग डॉक्टर अनुपा शिल्पी खलखो ने कहा कि निमोनिया एक प्रकार से छाती का इंफेक्शन है जहां छाती की श्वास, जिसमें नालियां और थैलियां होती है उसमें सूजन आ जाता है जिसकी वजह से जहां हवा होनी चाहिए होती है वहां पानी भर जाता है तो ऐसे में वह निमोनिया होता है उन्होंने कहा कि निमोनिया के कई (बैक्टेरिया, वायरल) कारण होते है. जबकि इन दिनों जो चाइनीज निमोनिया सामने आया है वह पांच साल से कम उम्र के छोटे बच्चों में बहुत ज्यादा पाया जा रहा है उसने कहा कि यह इस कदर अपना पांव पसार रहा है कि इसके लिए एतियात बरतने के लिए देश और हमारे प्रांत को काफी जागरूक रहने की आवश्यकता है. इसके लक्षण में बच्चों को तेज बुखार आना, खांसी आना, सांस लेने पर आवाज आना, सांस लेने में समस्या उत्पन्न होना, कमजोरी महसूस होना, खाने-पीने में दिक्कतें आदि है अगर बच्चों में ऐसा कुछ भी लक्षण दिखाई दे रहा है तो इसे नजरअंदाज न करें बल्कि अपने पास के अस्पताल में तुरंत जाए और डॉक्टर से मिलकर सलाह लें. और अगर ऑक्सीजन कम हो रहा है या बच्चा नीला पड़ रहा है, कमजोरी आ रहा और खाना नहीं खा पा रहा है तो ऐसे समय में डॉक्टर की सलाह पर बच्चे को इलाज के लिए एडमिट जरूर कराएं. हालांकि ऑक्सीजन को लेकर राज्य के अस्पतालों में अलर्ट भी जारी किया गया है कि सारे अस्पताल ऑक्सीजन और बेड तैयार रखें.
