एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर : इस काम को जल्द पूरा करें, नहीं तो आपको इसका लाभ नहीं मिल पाएगा
रांची: पलामू के सभी घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं को 31 दिसंबर तक ई-केवाईसी पूरा करना होगा. अन्यथा सभी को एलपीजी की फंडिंग नहीं मिल पायेगी. केंद्र सरकार की तीन रसोई गैस एजेंसियों – भारत गैस, इंधन गैस और एचपी गैस कंपनी – ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। इस संबंध में, तीनों एजेंसियों ने एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए ई-केवाईसी शुरू की है। पाम डिस्ट्रिक्ट में इन तीनों प्राधिकरणों में कुल 4.02 मिलियन घरेलू गैस उपभोक्ता हैं।
इसमें प्रधानमंत्री उज्ज्वला स्कीम (Pradhan Mantri Ujjwala Yojana) के 2.62 लाख कन्ज्यूमर्स है. ई-केवाईसी कराने के लिए उपभोक्ताओं को इन भी गैस सिलेंडर कंपनी का इस्तमाल करते हैं उन्हें वहा जाना होगा. बता दें, जिन उपभोक्ता के नाम पर गैस कनेक्शन है उन्हें एजेंसी जाना होगा ताकि उनकी फोटो ले जा सके. यह सब कार्य पूरे होने के बाद उपभोक्ताओं का पूरा विवरण संबंधित गैस कंपनी के पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा. ई-केवाईसी कराना उज्ज्वला लाभार्थी हैं अनिवार्य अन्यथा नहीं उठा पाएंगे इन लाभों का आनंद.
ई-केवाईसी के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी
उपभोक्ताओं को ईकेवाईसी कराने के इन सभी दस्तावेजों लेकर जाना होगा गैस एजेंसी-आधार कार्ड, फोटो, गैस कनेक्शन के मूल दस्तावेज, गैस कनेक्शन से जुड़े मोबाइल नंबर. वहां पर उनके चेहरे की तस्वीर ली जाएगी, ताकि वे पहचाना जाए. इसके बाद मूल दस्तावेज ऑनलाइन दर्ज किए जाएंगे. गैस वितरण एजेंसियों ने eKYC की प्रक्रिया शुरू कर दी है. उपभोक्ता अपना eKYC जल्द से जल्द कराए इसके लिए गैस कंपनियां सभी के मोबाइल फोन पर मैसेज भी भेज रही है.
आधे से ज्यादा उज्ज्वला लाभार्थी नहीं कराते रिफिलिंग
आपको जानकारी दें की, मोदी सरकार ने 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की थी, इस योजना का यह उदेश्य यह था की जरूरतमंदों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन के साथ- साथ गैस स्टोव, पाइप, रेगुलेटर और इसके अलावा भरा हुआ गैस सिलेंडर भी दिया गया था. इस योजना का लक्ष्य यह था कि गांव की महिलाओं को मिट्टी व कोयले के चूल्हे के धुएं से छुट्टी मिले. और उस वक्त सिलेंडर के दाम 450 रुपये से लेकर 500 रुपये तक थी. इससे गरीब परिवारों को भी हर माह गैस की भरपाई हो रही थी.
वहीं अब सिलेंडर के दाम 960 रुपये के करीब हो गई है. नतिजा यह हुआ की ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवार फिर से लकड़ी और कोयले के चूल्हे की तरफ मोड़ गए. स्थिति यह है कि पलामू जिले के कुल 2.62 लाख उज्ज्वला लाभार्थी में से आधे से ज्यादा लोग अधिक गैस रिफिल नहीं करा पते है. इसके चलते उनकी रसोई से फिर से धुआं निकलना शुरू हो गया है.