जमशेदपुर: शहर की सड़कों के फुटपाथ पर जब कब्जा होता है, तब उसे रोकने के लिए जिम्मेदार विभाग खामोश बैठे रहते हैं. अतिक्रमण के बाद लाखों रुपए खर्च कर उसे हटाया जाता है. अब 400 करोड़ की आठ लेन सड़क के किनारे फुटपाथ पर स्थायी अतिक्रमण किया जा रहा है लेकिन अबतक उसे हटाने की पहल नहीं की गई. सड़क अबतक पूरी तरह से बनी भी नहीं है, लेकिन अतिक्रमणकारियों ने उसे भी अपने कब्जे में लेना शुरू कर दिया है.
डीसी ने प्रभार संभालने के बाद सबसे पहले शहर की सड़कों से अतिक्रमण हटाने का नगर निगम को निर्देश दिया था, लेकिन महीनों बीतने के बावजूद अतिक्रमण हटाने के नाम पर निगम आईवाश करता आ रहा है. आठ लेन सड़क की खूबसूरती पर अतिक्रमण का दाग लग रहा है, लेकिन अधिकारियों की फौज के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है. असर्फी अस्पताल से लेकर बिनोद बिहारी चौक तक दोनों ओर अतिक्रमण किया जा रहा है. बिनोद बिहारी चौक से नावाडीह बस्ती मोड़ तक फुटपाथ पर कब्जा कर लोहे की दुकानें बना ली गई हैं.
पुराने पेंशनर्स का संशोधित पीपीओ जारी नहीं होने से पेंशनरों में आक्रोश बढ़ रहा है. पीपीओ संशोधित नहीं होने से पेंशनर की मौत होने पर पत्नी या आश्रित की पेंशन चालू होने में काफी परेशानी हो रही है. पेंशनरों के संगठन से जुड़े नेताओं का कहना है कि यह गंभीर मुद्दा है और सीएमपीएफओ उदासीन है.
सीएमपीएफओ से जुड़े पेंशनरों की संख्या पांच लाख से अधिक है. जानकार बताते हैं कि अक्तूबर-2022 के बाद नया पीपीओ जारी हो रहा है, जिनमें पत्नी के नाम, पेंशन की रकम आदि का जिक्र है. अक्तूबर-2022 के बाद वाले पीपीओ में परेशानी नहीं है. पूर्व के पीपीओ में यह सब नहीं है. ऐसे में पेंशन चालू करने में महीनों लग जाते हैं. कई मामले ऐसे भी हैं, जिसमें सालों बाद भी पेंशन चालू नहीं हुई है. पेंशनर एसोसिएशन के अध्यक्ष रामानुज प्रसाद ने कहा कि संशोधित पीपीओ जारी कराने में भ्रष्टाचार हो रहा है. उन्होंने कोयला मंत्रालय से जांच कर कार्रवाई करने की मांग की. इधर, कोल इंडिया लिमिटेड रिटायर एग्जीक्यूटिव वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव भवानी बंदोपाध्याय ने कहा कि यह गंभीर मुद्दा है. एसोसिएशन की 30 को कोलकाता में एपेक्स बॉडी की बैठक है. बैठक में पूरे मामले पर चर्चा होगी.
बंदोपाध्याय ने कहा कि कोयला खान भविष्य निधि आयुक्त को भी ज्ञापन सौंप मामले में हस्तक्षेप की मांग की है, लेकिन अबतक कोई पहल नहीं हुई है. सीएमपीएफओओ के आयुक्त ने आश्वासन दिया था कि बहुत जल्द मामले का हल कर लिया जाएगा. महीनों बीतने के बाद भी अबतक पीपीओ संशोधन को लेकर पहल नहीं हुई है.
संजय सिंह, प्रोजेक्ट हेड, साज आठ लेन सड़क पर अतिक्रमण को लेकर नगर निगम को कई पत्र लिखा गया. उपायुक्त और एसडीओ को भी जानकारी दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. सड़क का खुलेआम अतिक्रमण किया जा रहा है.