धनबाद: धनबाद जिला परिषद की आय बढ़ाने की योजनाएं धरातल पर नहीं उतर रही हैं. आय बढ़ाने के लिए होर्डिंग टैक्स वसूलने, सैरात की बंदोबस्ती करने और हाट-बाजारों से भी शुल्क की उगाही करने की योजनाएं बनी थीं. इसको जिला परिषद के बोर्ड की बैठक में भी प्रस्ताव पारित किया गया था.
बोर्ड ने पिछले साल ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, लेकिन इसपर अमल नहीं किया गया. जरूरत के अनुसार नहीं हो रही जिला परिषद की आय जिला परिषद के पास करोड़ों की अचल संपत्ति है. जमीन व दुकान के साथ-साथ कई भवन भी हैं. जिला परिषद की आय का प्रमुख साधन दुकान और भवनों का किराया है. जिला परिषद बोर्ड ने आय बढ़ाने के उपाय अपनाने पर जोर दिया था. इसके लिए जिला परिषद के क्षेत्रों (ग्रामीण क्षेत्र) में लगाई गई होर्डिंग्स से टैक्स की वसूली और होर्डिंग्स के लिए नए स्थानों की तलाश करना था. जिला परिषद के क्षेत्र में सड़कों के किनारे बड़ी संख्या में होर्डिंग्स लगी है. इनपर अलग-अलग कंपनियों की प्रचार सामग्री लगी है.
हाट-बाजारों से शुल्क की वसूली जिला परिषद के क्षेत्र में कई हाट-बाजार संचालित हैं. हाट-बाजारों की बंदोबस्ती करने पर भी जिला परिषद बोर्ड ने मंजूरी दी है. खुली डाक से बोली लगातार बंदोबस्ती की जानी है, लेकिन इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के बस पड़ाव, कार व ऑटो स्टैंड से भी शुल्क वसूलना था, लेकिन इस दिशा में भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है.