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केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली और हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आज जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय हिंदी रचनात्मक लेखक कार्यशाला शुरू हुई। उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर सुनील बाबूराव कुलकर्णी ने कहा कि केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई …
केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली और हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आज जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय हिंदी रचनात्मक लेखक कार्यशाला शुरू हुई।
उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर सुनील बाबूराव कुलकर्णी ने कहा कि केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली गैर-हिंदी भाषी क्षेत्रों में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए सदैव प्रयासरत रहा है।
सीयूजे के रजिस्ट्रार प्रो.यशवंत सिंह ने कहा कि गैर-हिंदी भाषी क्षेत्रों में हिंदी रचनात्मक लेखक की कार्यशाला से निश्चित रूप से यहां के छात्रों में साहित्य के प्रति रुचि बढ़ेगी और इससे हिंदी साहित्य का भी विकास होगा।
स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज की डीन प्रोफेसर वंदना शर्मा ने कहा कि आज के विकसित भारत में युवाओं के बीच भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए युवाओं को साहित्य का गहन अध्ययन करना चाहिए।
कार्यक्रम में उपस्थित बाहरी विशेषज्ञों में पंजाब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अशोक कुमार; केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली से हिंदी साहित्य डॉ. आदर्श प्रकाश, साहित्यकार डॉ. क्षमा कौल, डॉ. भारत भूषण शर्मा और सहायक निदेशक नत्थूलाल।
इससे पहले हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर भारत भूषण ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया.कार्यक्रम का संचालन विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. वंदना शर्मा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन सह-समन्वयक डॉ. बिजेंद्र ने दिया। डॉ. शशिकांत मिश्रा, सहायक प्रोफेसर; सह-समन्वयकों में डॉ. रत्नेश यादव, डॉ. अरविन्द, डॉ. विनय शुक्ला, शोधार्थी एवं विद्यार्थी शामिल रहे।