धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश के नार्थ जोन के दो लाख 24 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर गेहूं की खेती की गई है। हालांकि पिछले वर्ष दो लाख 31 हजार पांच सौ हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई की गई थी। इसके चलते इस बार प्रदेश के चार जिलों में इस बार गेहूं की बिजाई में कमी …
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश के नार्थ जोन के दो लाख 24 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर गेहूं की खेती की गई है। हालांकि पिछले वर्ष दो लाख 31 हजार पांच सौ हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई की गई थी। इसके चलते इस बार प्रदेश के चार जिलों में इस बार गेहूं की बिजाई में कमी दर्ज की गई है। धर्मशाला नॉर्थ जोन कृषि विभाग के अतिरिक्त कृषि निदेशक डा. पवन कुमार ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष हिमाचल के चार जिलों में साढ़े सात हजार हेक्टेयर एरिया में गेहूं की बिजाई नहीं हुई है। ऐसे में बिजाई एरिया घटने के साथ उत्पादन का लक्ष्य भी कम हो गया है। प्रदेश कृषि विभाग के अतिरिक्त कृषि निदेशक उत्तरी क्षेत्र धर्मशाला के अंतर्गत कांगड़ा, चंबा, मंडी, हमीरपुर व ऊना जिला शामिल है।
इन जिलों में कांगड़ा को छोडक़र शेष में गेहूं बिजाई पिछले वर्ष की अपेक्षा कम हुई है। आंकड़ों के तहत से जिला हमीरपुर में 30 हजार हेक्टेयर के मुकाबले 28 हजार, जिला चंबा में पिछले वर्ष के मुकाबले 19 हजार हेक्टेयर के बजाय 17 हजार हेक्टेयर, मंडी में 61.50 हजार हेक्टेयर के बजाय 60 हजार और ऊना में 29 हजार हेक्टेयर के मुकाबले 27 हजार हेक्टेयर में गेहूं बिजाई हुई है, जबकि जिला कांगड़ा में इस बार भी पिछले वर्ष की तरह 92 हजार हेक्टेयर एरिया में बिजाई हुई है। ऐसे में पिछले वर्ष विभाग ने चार लाख 32 हजार आठ सौ मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा था, जो कि इस बार कम बिजाई के चलते घटकर चार लाख 29 हजार मीट्रिक टन रह गया है। ऐसे में उत्पादन का लक्ष्य भी साढ़े तीन हजार मीट्रिक टन घट गया है।