
घुमारवीं। सूखी सर्दियां और बारिश की किल्लत से खड्डों में 25 फीसदी जल स्तर घट गया है। बारिश न होने के कारण खड्डों में बहने वाली जलधारा दिन-प्रतिदिन सूख रही है। सूखे की मार के कारण जलस्तर कम होने से गर्मियों के मौसम में यहां पर पानी का संकट गहरा सकता है। यदि कुछ दिनों …
घुमारवीं। सूखी सर्दियां और बारिश की किल्लत से खड्डों में 25 फीसदी जल स्तर घट गया है। बारिश न होने के कारण खड्डों में बहने वाली जलधारा दिन-प्रतिदिन सूख रही है। सूखे की मार के कारण जलस्तर कम होने से गर्मियों के मौसम में यहां पर पानी का संकट गहरा सकता है। यदि कुछ दिनों में बारिश न हुई, तो लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। अधिकांश पेयजल योजनाएं खड्डों पर आश्रित होने के कारण लोगों को अभी से पानी की किल्लत की चिंताएं सताने लग गई है। गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत से बचाव के लिए जल शक्ति विभाग तैयारियों में जुट गया है। हालांकि विभागीय अधिकारियों का दावा है कि घुमारवीं उपमंडल में अभी तक पानी की किल्लत नहीं है। लेकिन, यदि फिर भी यहां पर कुछ दिन और बारिश नहीं होती है, तो गर्मी के मौसम से पहले इससे निपटने के लिए विभाग तैयार है। हिमाचल प्रदेश में पिछले चार महीनों से बारिश की बूंद न टपकने से सूखे के हालात बन गए हैं।
बारिश न होने के कारण खड्डों और प्राकृतिक जल स्रोतों का पानी जनवरी माह में ही कम होने लग गया है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो बारिश न होने के कारण खड्डों का करीब 20 से 25 फीसदी जल स्तर घटा है। सूखे की मार के कारण लगातार घटते जा रहे जलस्तर के कारण यहां पर गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत गहरा सकती है। बताते चलें कि घुमारवीं की अधिकांश पेयजल योजनाएं यहां से गुजरने वाली सीर खड्ड पर आश्रित हैं। घुमारवीं की लगभग 28 पेयजल योजनाएं सीर खड्ड पर तथा 4 पेयजल योजनाएं शुक्र खड्ड पर आधारित हैं। बारिश न होने के कारण खड्डों के जल स्तर दिनों-दिन तेजी से घटता जा रहा हैै। एसडीओ मस्त राम चौहान बोले कि बारिश न होने के कारण खड्डों का जलस्तर करीब 20 से 25 फीसदी घटा है। घुमारवीं में विभाग जल स्तर को बढ़ाने के लिए डाइकें लगा रहा है। जिससे गर्मी के मौसम में पानी की दिक्कत न हो।
