सुजानपुर। उपमंडल सुजानपुर की पंचायत जंगलबैरी में स्थापित मॉडल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत दोनों चिकित्सकों को सप्ताह में तीन-तीन दिन डेपुटेशन पर अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सेवाएं देने को लेकर के ग्रामीणों में आक्रोश पैदा हो गया है। करीब एक सप्ताह पूर्व जिला चिकित्सा अधिकारी को पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रस्ताव पारित करके आदेश …
सुजानपुर। उपमंडल सुजानपुर की पंचायत जंगलबैरी में स्थापित मॉडल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत दोनों चिकित्सकों को सप्ताह में तीन-तीन दिन डेपुटेशन पर अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सेवाएं देने को लेकर के ग्रामीणों में आक्रोश पैदा हो गया है। करीब एक सप्ताह पूर्व जिला चिकित्सा अधिकारी को पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रस्ताव पारित करके आदेश रद्द होने का मांगपत्र सौंपा था, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर मंगलवार को स्वास्थ्य केंद्र जंगलबैरी में जाकर ग्रामीणों ने अपना रोष जताया। ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र जंगलबैरी में सुचारू ढंग से चल रही सेवाएं प्रभावित होने के साथ-साथ स्वास्थ्य की जांच करवाने आई जनता को इससे परेशानी होगी। ग्रामीणों ने एकत्रित होकर के सरकार व स्वास्थ्य विभाग से डेपुटेशन पर भेजे जाने के आदेशों को रद्द करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि जंगलबैरी स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत मात्र दोनों चिकित्सकों को तीन-तीन दिन अन्य केंद्र में जाने के कारण मॉडल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जंगलबैरी की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी।
मॉडल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जंगलबैरी में डाक्टर सुरेंद्र डोगरा तथा डाक्टर पल्लवी कार्यरत हैं। डा. सुरेंद्र डोगरा को जहां चौरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वहीं डाक्टर पल्लवी को पटलांदर में स्वास्थ सेवाएं तीन-तीन दिन देनी होंगी। गांव के जनप्रतिनिधियों में शामिल पंचायत बीड़ बगेहड़ा की प्रधान रजनी, पंचायत बैरी के प्रधान प्रीतम चंद, उपप्रधान लुडनराम, पुरुषोत्तम चंद जगदेव चंद, होशियार सिंह, रितु शर्मा, रेखा शर्मा, सीता देवी सहित नजदीक के करीब आधा दर्जन पंचायत के प्रतिनिधियों में लोगों ने मॉडल स्कूल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जंगल एकत्रित में एकत्रित होकर अपना रोष व्यक्त किया। उनका कहना है कि यहां रोजाना करीब 120 की ओपीडी होती है। डाक्टरों के डेपुटेशन पर जाने से यहां की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी। प्रधान रजनी देवी ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में ग्रामीणों का एक प्रस्ताव पारित कर इन आदेशों को रद्द करने की मांग जिला चिकित्सा का अधिकारी से भी की थी, लेकिन आदेश रद्द नहीं हुए। मंगलवार उन्होंने उपमंडल अधिकारी को एक ज्ञापन सौंप कर सरकार से इन आदेशों को रद्द करने की मांग की है।