
शिमला। सिविल अस्पताल जुन्गा के चिकित्सकों ने शुक्रवार को काले बिल्ले लगाकर मरीजों का उपचार किया और मांगें पूरी न होने पर सरकार के प्रति रोष व्यक्त किया है। अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डाक्टर मनोज शर्मा का कहना है कि सात महीने बीत जाने के बाद भी सरकार ने हिमाचल प्रदेश मेडिकल एसोसिएशन की मांगों …
शिमला। सिविल अस्पताल जुन्गा के चिकित्सकों ने शुक्रवार को काले बिल्ले लगाकर मरीजों का उपचार किया और मांगें पूरी न होने पर सरकार के प्रति रोष व्यक्त किया है। अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डाक्टर मनोज शर्मा का कहना है कि सात महीने बीत जाने के बाद भी सरकार ने हिमाचल प्रदेश मेडिकल एसोसिएशन की मांगों को पूरा नहीं किया है। उन्होंने बताया कि हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन की मांगों को सरकार द्वारा अनदेखा करने से चिकित्सकों के स्वाभिमान को ठेस पहुंची है। उन्होंने बताया कि तीन जून, 2023 को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने मांगों को लेकर बैठक की थी, लेकिन आज तक उन मांगों को पूरा नहीं किया गया, जिससे चिकित्सक संघ में रोष व्याप्त हैं। डा. मनोज ने बताया कि एसोसिएशन की मुख्य मांगों में पदोन्नति योग्यता एवं वरिष्ठता के आधार पर की जाए।
इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग में निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, उपनिदेशक और खंड चिकित्सा अधिकारियों के विभिन्न पद रिक्त चल रहे हैं। इन पदों पर पदोन्नति योग्यता एवं वरिष्ठता के आधार पर करने का अनुरोध सरकार से किया गया था। संघ ने कड़े शब्दों में सेवा विस्तार की प्रक्रिया समाप्त करने की मांग की है। उनका कहना है कि सेवानिवृत्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पदोन्नति न दी जाए, जो कि प्रदेश के बेरोजगार युवा चिकित्सकों के हित में नहीं है। संघ ने यह भी मांग की है कि कार्यक्रम अधिकारी के पदों पर एमबीबीएस कैडर से ही चिकित्सा अधिकारियों को लगाया जाए। विशेषज्ञों चिकित्सकों का वेतन घटाकर 33,660 कर दिया गया है, जबकि अधिसूचना के तहत न्यूनतम वेतन 40,392 तय हुआ था, जो कि तर्कसंगत नहीं है। डाक्टर मनोज ने बताया कि चिकित्सक विभिन्न प्रतिकूल परिस्थितियों में दूरदराज क्षेत्रों में कार्य कर रहें है और उनकी मांगें पर सरकार को तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।
