
कुल्लू। बर्फबारी व बारिश न होने के चलते जहां इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। वहीं, ठंड के चलते तापमान भी माइनस में जा रहा है। इसके अलावा नदी नाले भी कड़ाके की ठंड के चलते जम रहे हैं और ब्यास नदी का पानी भी माइनस तापमान में बह रहा है। कड़ाके की …
कुल्लू। बर्फबारी व बारिश न होने के चलते जहां इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। वहीं, ठंड के चलते तापमान भी माइनस में जा रहा है। इसके अलावा नदी नाले भी कड़ाके की ठंड के चलते जम रहे हैं और ब्यास नदी का पानी भी माइनस तापमान में बह रहा है। कड़ाके की ठंड में मनाली घूमने पहुंच रहे सैलानी यहां बर्फबारी न होने के चलते व्यास नदी में साहसिक खेल राफ्टिंग का आनंद ले रहे हैं। ठंड भी सैलानियों के साहसिक खेलो के इस रोमांच को कम नहीं कर पा रही है। जिला में ब्यास के पानी में सैलानी रिवर राफ्टिंग का मजा जमकर कर ले रहे हैं। हालांकि नदी का पानी काफी ठंडा है। उसके बाद भी सैलानी ब्यास नदी में रिवर राफ्टिंग कर रहे हैं।
जिला कुल्लू में इस साल बर्फबारी ना होने के चलते पर्यटन नगरी मनाली के साथ लगते पर्यटन स्थल सूने पड़े हुए हैं और लाहौल के कुछ इलाकों में ही सैलानियों को बर्फ देखने को मिल रही है। ऐसे में पर्यटन नगरी मनाली में कारोबार काफी मंदा हो गया है। पर्यटन कारोबारी को उम्मीद है कि अगर बर्फ पड़ती है तो यहां के पर्यटन स्थलों पर भी सैलानियों की भीड़ उमड़ेगी। अब रिवर राफ्टिंग व पैराग्लाइडिंग ही सैलानियों को इस मौसम में अपनी और आकर्षित कर रही है। जिसके चलते घाटी का पर्यटन कारोबार चल रहा है।
जिला कुल्लू की अगर बात करें तो इन दिनों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात सहित देश के अन्य राज्यों से पर्यटक यहां पर पहुंच रह रहे हैं। सैलानी यहां पर ब्यास नदी के किनारे रिवर राफ्टिंग पॉइंट पर राफ्टिंग के लिए बुकिंग कर रहे हैं और इससे यहां पर करीब 5000 युवाओं को भी रोजगार मिल रहा है। जिला कुल्लू में रायसन से लेकर बजौरा तक रिवर राफ्टिंग के पॉइंट चिन्हित किए गए हैं। रिवर राफ्टिंग के कारोबार से जुड़े हुए जगरूप नेगी, सुरेश शर्मा, अमित कुमार का कहना है कि हालांकि बर्फबारी ना होने के चलते सैलानियों की संख्या में कमी आई हैम लेकिन रिवर राफ्टिंग के लिए सैलानी अभी भी यहां पहुंच रहे हैं। जिससे राफ्टिंग का कारोबार खूब चमक रहा है।
जिला में 400 पंजीकृत राफ्ट हैं और 350 गाइड लाइसेंस धारक हैं। रायसन से लेकर झिढ़़ी तक 100 एजेंसियां हैं और 5000 से अधिक युवाओं को इससे रोजगार मिल रहा है। वहीं, पिरडी से झिड़ी तक 14 किमी. सबसे लंबा राफ्टिंग का स्ट्रेट बनाया गया है। जिला पर्यटन अधिकारी सुनैना शर्मा का कहना है कि इन दिनों ब्यास नदी में पानी कम है और सर्दी के चलते पानी भी काफी ठंडा है। लेकिन उसके बावजूद भी सैलानी रिवर राफ्टिंग का मजा ले रहे हैं। जो कि यहां के पर्यटन कारोबार के लिए काफी अच्छा है। पर्यटन विभाग भी सैलानियों की सुविधा के लिए कई अन्य गतिविधियों पर नजर बनाए रखे है।
