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देश के साथ दुनिया ने मानी सनातन संस्कृति

25 Jan 2024 4:37 AM GMT
देश के साथ दुनिया ने मानी सनातन संस्कृति
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अयोध्या। 22 जनवरी का दिन भारत ही नहीं, पूरे विश्व के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है। इस दिन भगवान श्री रामलला की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा का शुभ कार्य संपन्न हुआ है। इस दिन का महत्त्व यह भी है कि परम पूज्य महाब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी जी का अवतरण दिवस भी 22 …

अयोध्या। 22 जनवरी का दिन भारत ही नहीं, पूरे विश्व के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है। इस दिन भगवान श्री रामलला की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा का शुभ कार्य संपन्न हुआ है। इस दिन का महत्त्व यह भी है कि परम पूज्य महाब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी जी का अवतरण दिवस भी 22 जनवरी है। परम पूज्य महाब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी जी को इस अभूतपूर्व कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। अत: वहां पर उपस्थित संतों ने इन्हें उदासीन आश्रम में आमंत्रित किया और इनके जन्मदिवस के उपलक्ष में इन्हें शुभकामनाएं प्रदान कीं। इस सभा का संचालन निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद महाराज ने किया। इस सभा में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवींद्रपुरी महाराज उपस्थित रहे तथा साथ ही अन्य अखाड़ों के महंत, श्रीमहंत, मंडलेश्वर व महामंडलेश्वर भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि आज का दिन बहुत ही श्रेष्ठ है कि आज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है और हमारे निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर श्री कुमारानंद सरस्वती जी महाराज का अवतरण दिवस भी है। पूरी अयोध्या में इस समय कुंभ सा वातावरण है। ऐसे दिव्य वातावरण में स्वामी कुमारानंद जी महाराज जो संतों के बहुत लाड़ले और श्रद्धेय हैं, का जन्म दिवस मना रहे हैं। यह भी एक दैवयोग है कि 22 जनवरी में ही इनका अवतरण दिवस है। इन्होंने मंत्र विज्ञान के माध्यम से पूरे विश्व का कल्याण किया है और सनातन परंपरा की पंचदेवोपासना को भी घर-घर पहुंचाने का श्रेष्ठ कार्य किया है। भारत और भारत के बाहर सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार में विशेष योगदान रहा है। यह भी रामजी की इच्छा है कि इनका जन्मदिन अयोध्या में ही मनाया जाए, मैं इनको अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

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