
टाहलीवाल। पिछले 30 से 35 वर्ष पुराने टाहलीवाल के उद्योगों से निकल रहे दूषित पानी से हो रहे नुकसान पर कोई भी कार्रवाई न होने पर स्थानीय लोग भडक़ गए हैं। नगर पंचायत के वार्ड-पांच में टाहलीवाल के उद्योगों से निकल रहे दूषित पानी से स्थानीय लोगों की फसलों को बड़ा नुकसान हो रहा है। …
टाहलीवाल। पिछले 30 से 35 वर्ष पुराने टाहलीवाल के उद्योगों से निकल रहे दूषित पानी से हो रहे नुकसान पर कोई भी कार्रवाई न होने पर स्थानीय लोग भडक़ गए हैं। नगर पंचायत के वार्ड-पांच में टाहलीवाल के उद्योगों से निकल रहे दूषित पानी से स्थानीय लोगों की फसलों को बड़ा नुकसान हो रहा है। नगर पंचायत कार्यालय के पास उद्योगों के निकल रहे कैमिकल युक्त पानी से फसलें खराब हो रही है और भूमि प्रदूषित हो रही है। इस समस्या से परेशान लोगों ने रविवार को उद्योग प्रबंधनों, नगर पंचायत व प्रशासन सहित सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर अपने आक्रोश को दिखाया। प्रदर्शन कर रहे स्थानीय लोगों में भाग सिंह, नीरंजन सिंह, गुरनाम सिंह, सोमनाथ, जगतार सिंह, इंदु बाला, भोली देवी, मोहन लाल, ओम प्रकाश, नरेश कुमार, मनोहर, सुभाष, सतपाल, दिलवाग सिंह ने बताया कि उद्योगों के प्रबंधन को बार-बार कहने पर भी इस पर कोई भी सज्ञान नहीं लिया। लोगों ने बताया कि करीब छह उद्योगों से कैमिकल युक्त दूषित पानी निकलता है। जिससे हमारी जमीनों पर फसल बर्बाद हो रही और साथ घरों को बदबू से परेशानी हो रही है।
स्थानीय लोगों ने कहा कि इसके बारे में कई बार उद्योग प्रबंधन से और नगर पंचायत से इस बारे बात रखी गई, लेकिन आज दिन तक इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। लोगों ने प्रसाशन से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई करें। स्थानीय लोगों के अनुसार इस समस्या को लेकर नगर पंचायत, प्रशासन व सरकार की ऐसे ही अनदेखी जारी रही तो वो समय भी दूर नहीं, जब भूमि प्रदूषण के साथ भू-जल भी प्रदूषित हो जाएगा। जिसके बाद पीने के पानी के लिए भी लोग तरस जाएंगे और प्रदूषित पानी से लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाएंगे। इसके अलावा दूषित गंदे पानी से फैली बदबू से स्थानीय लोगों को क्षेत्र में महामारी फैलने का खतरा बना हुआ है। इन लोगों के अनुसार स्थानीय लोग पिछले 30 से 35 वर्षों से इस समस्या को लेकर आवाज उठाते आ रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार की ओर से कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया, जो बहुत ही शर्म की बात है। चुनावों के समय अलग-अलग पार्टियों के नेता लोग वोट मांगने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन इस समस्या के समाधान को लेकर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।
