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फुल डेप्थ रिक्लेमेशन और सीमेंट ट्रीटेड बेस प्रोजेक्ट के तहत टेंडर प्रोसेस शुरू

17 Jan 2024 4:16 AM GMT
फुल डेप्थ रिक्लेमेशन और सीमेंट ट्रीटेड बेस प्रोजेक्ट के तहत टेंडर प्रोसेस शुरू
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शिमला। पीडब्ल्यूडी ने प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना में जर्मन तकनीक फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर) और सीमेंट ट्रीटेड बेस (सीटीबी) की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग ने दोनों में 1221 किलोमीटर से ज्यादा के टेंडर प्रस्तावित किए हैं। इनमें एफडीआर में 660 किलोमीटर जबकि सीटीबी में 561 किलोमीटर टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है। …

शिमला। पीडब्ल्यूडी ने प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना में जर्मन तकनीक फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर) और सीमेंट ट्रीटेड बेस (सीटीबी) की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग ने दोनों में 1221 किलोमीटर से ज्यादा के टेंडर प्रस्तावित किए हैं। इनमें एफडीआर में 660 किलोमीटर जबकि सीटीबी में 561 किलोमीटर टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है। खास बात यह है कि पीडब्ल्यूडी दोनों योजनाओं को हिमाचल में पहली बार लांच कर रहा है और इनकी निगरानी के लिए एजेंसी का चुनाव का लिया गया है। गुजरात की ट्रांसलिंक एजेंसी एफडीआर और सीटीबी में होने वाले कामों की गुणवत्ता का आकलन करेगी। फिलहाल पीएमजीएसवाई में केंद्र से मिली आर्थिक मदद और किलोमीटर दोनों को विभाग ने तीन हिस्सों में बांट दिया है। इनमें सबसे बड़े हिस्से को संभालने की जिम्मेदारी स्थानीय ठेकेदारों के पास ही है, जबकि दो अन्य हिस्से ग्लोबल टेंडर के माध्यम से पूरे किए जा रहे हैं। एफडीआर में 660 किलोमीटर के लिए 462 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान है।

पीडब्ल्यूडी ने इन्हें 61 कामों में विभाजित किया है और इसके 15 टेंडर करवाए जा रहे हैं। सीटीबी में 561 किलोमीटर की सडक़ के लिए 615 करोड़ का बजट प्रावधान है। पीडब्ल्यूडी ने इसके 56 प्रोजेक्ट बनाए हैं और इनके 30 टेंडर लगाए गए हैं। इन दोनों परियोजनाओं में कम से कम 50 किमी सडक़ बनाने के अनुभव वालों को ही टेंडर का प्रावधान है। हालांकि विभाग ने ग्लोबल टेंडर का प्रबंध जरूर किया है, लेकिन बाहरी राज्यों की एजेंसी से मिलकर साझा तकनीक से स्थानीय ठेकेदार टेंडर ले सकते हैं। पीएमजीएसवाई के सबसे बड़े हिस्से 1460 किलोमीटर की बात करें तो इसके लिए 1370 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। विभाग ने इसे 137 कार्यों में बांटा है और इनमें 73 टेंडर तय किए गए हैं। पीडब्ल्यूडी ने पीएमजीएसवाई को अलग-अलग सर्किल में बांटा है। इनमें बिलासपुर में एफडीआर से 69.38 किलोमीटर के सात प्रोजेक्ट, हमीरपुर में 50.56 किलोमीटर के छह प्रोजेक्ट, पालमपुर में 7.16 किलोमीटर का एक प्रोजेक्ट, नूरपुर में 240 किलोमीटर के 26 काम, कुल्लू में 46.02 किलोमीटर के चार प्रोजेक्ट, मंडी में 192.38 किलोमीटर के 14 प्रोजेक्ट, नाहन में 55.31 किलोमीटर के तीन प्रोजेक्ट मंजूर किए गए हैं।

पीडब्ल्यूडी ने पीएमजीएसवाई को अलग-अलग सर्किल में बांटा है। इनमें बिलासपुर में एफडीआर से 69.38 किलोमीटर के सात प्रोजेक्ट, हमीरपुर में 50.56 किलोमीटर के छह प्रोजेक्ट, पालमपुर में 7.16 किलोमीटर का एक प्रोजेक्ट, नूरपुर में 240 किलोमीटर के 26 काम, कुल्लू में 46.02 किलोमीटर के चार प्रोजेक्ट, मंडी में 192.38 किलोमीटर के 14 प्रोजेक्ट, नाहन में 55.31 किलोमीटर के तीन प्रोजेक्ट मंजूर किए गए हैं। सीमेंट ट्रीटेड बेस से बिलासपुर में 58.55 किलोमीटर के छह प्रोजेक्ट, हमीरपुर से 77.31 किलोमीटर के सात प्रोजेक्ट, ऊना में 159.19 किलोमीटर के 19 प्रोजेक्ट, डलहौजी में 37.5 किलोमीटर के तीन प्रोजेक्ट, पालमपुर में 13.86 किलोमीटर के दो प्रोजेक्ट, नूरपुर में 80.76 किलोमीटर के सात प्रोजेक्ट, जोगेंद्रनगर में 5.5 किलोमीटर का एक प्रोजेक्ट, रामपुर में 36 किलोमीटर के तीन प्रोजेक्ट, सोलन में 92.88 किलोमीटर के आठ प्रोजेक्ट आबंटित किए गए हैं।

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