शिमला। शिमला शहर में बर्फबारी के इंतजार में स्थानीय लोग और पर्यटक हैं, लेकिन इस बार भी प्रदेश में बर्फबारी नहीं हुई है। इसका सीधा असर शहर में चलने वाली टैक्सी चालक और कारोबारियों पर पड़़ रहा है। टैक्सी यूनियन का कहना है कि शिमला शहर में बर्फबारी न होने के चलते इस बार पर्यटक …
शिमला। शिमला शहर में बर्फबारी के इंतजार में स्थानीय लोग और पर्यटक हैं, लेकिन इस बार भी प्रदेश में बर्फबारी नहीं हुई है। इसका सीधा असर शहर में चलने वाली टैक्सी चालक और कारोबारियों पर पड़़ रहा है। टैक्सी यूनियन का कहना है कि शिमला शहर में बर्फबारी न होने के चलते इस बार पर्यटक भी कम संख्या में आए हैं, जिसका सीधा खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। हालत यह है कि उन्हें पार्किंग का महंगा किराया अपनी सेविंग से भरना पड़ रहा है। इस कारण स्थानीय स्तर पर टैक्सी चलाने वाले टैक्सी चालक खासे परेशान है। इसके बारे में थ्री स्टार टैक्सी यूनियन पुराना बस स्टैंड के अध्यक्ष सुनील ठाकुर ने बताया इस वर्ष शिमला में पर्यटकों की आमद बहुत कम है, जिसके चलते टैक्सी चालकों पर विपरीत प्रभाव पड़े हैं।
काम शून्य के बराबर है। उन्होंने बताया कि काम न होने से टैक्सी चालकों को गाडिय़ों की किश्तें भरने और घरों का किराया देने में दिक्कतें आ रही हैं। यूनियन में करीब 80 गाडिय़ां हैं और हर महीने तीन हजार रुपए गाडिय़ों का पार्किंग का खर्चा भी टैक्सी चालकों को आता है। उन्होंने सरकार से मांग है कि शिमला के पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाए, ताकि यहां की आमद में कमी न आए। इस साल बर्फबारी न होने से शिमला में पर्यटकों की आमद में भारी गिरावट आई है। इस कारण शिमला का पर्यटन व्यवसाय और टैक्सी व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया है। वहीं, टैक्सी चालक मुश्ताक शेख ने बताया कि इस पर्यटन सीजन में कुछ काम ही नहीं हुआ। दिनभर सिर्फ धूप सेंकने का ही काम हो रहा है।