
बिलासपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर के जनरल सर्जरी विभाग की सर्जन टीम ने कोलन (बड़ी आंत) कैंसर के दो रोगियों के सफल आपरेशन लेप्रोस्कोपिक उपचार के साथ सफलतापूर्वक किए। उन्नत सर्जिकल तकनीकों का उपयोग करते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की कुशल टीम ने रोगी देखभाल में उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया, जिससे दोनों मरीजों के लिए …
बिलासपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर के जनरल सर्जरी विभाग की सर्जन टीम ने कोलन (बड़ी आंत) कैंसर के दो रोगियों के सफल आपरेशन लेप्रोस्कोपिक उपचार के साथ सफलतापूर्वक किए। उन्नत सर्जिकल तकनीकों का उपयोग करते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की कुशल टीम ने रोगी देखभाल में उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया, जिससे दोनों मरीजों के लिए सफल परिणाम सुनिश्चित हुआ है। यह प्रक्रिया तीन सर्जन डा. मोहिम ठाकुर एसोसिएट प्रोफेसर, डा. सौम्या चोपड़ा सहायक प्रोफेसर और डा. आदित्य राउत सीनियर रेजिडेंट की टीम द्वारा की गई, जबकि एनेस्थीसिया टीम में डा. सुनील ठाकुर और डा. पूजा सीनियर रेजिडेंट शामिल रहे। विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार कोलन कैंसर एक प्रचलित और संभावित जीवन घातक बीमारी है, जो बड़ी आंत या मलाशय में उत्पन्न होती है। निवारक उपायों और शीघ्र पता लगाने को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक जागरूकता महत्त्वपूर्ण है। फाइबर से भरपूर संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तंबाकू और अत्यधिक शराब के सेवन से परहेज सहित स्वस्थ जीवन शैली अपनाने से कोलन कैंसर का खतरा काफी कम हो जाता है। हल्दी का सेवन कोलन कैंसर में भी सुरक्षात्मक पाया जाता है।
इसके लक्षणों में आंत की आदतों में लगातार बदलाव, मल में खून, पेट में परेशानी और बिना कारण वजन कम होना शामिल हो सकते हैं। ऐसे लक्षणों का अनुभव करने वाले व्यक्तियों को तुरंत स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श लेना चाहिए। साथ ही कोलोनोस्कोपी जैसे नैदानिक तौर-तरीके शीघ्र पता लगाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नियमित जांच की सिफारिश की जाती है, खासकर 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों या जिनके परिवार में इस बीमारी का इतिहास रहा हो। यदि निदान किया जाता है, तो सर्जरी, कीमोथैरेपी और लक्षित थैरेपी सहित विभिन्न उपचार विकल्प मौजूद हैं। चिकित्सकों के अनुसार लेप्रोस्कोपिक सर्जरी एक न्यूनतम इनवेसिव तकनीकए प्रमुखता प्राप्त कर रही है जिससे रिकवरी में कम समय लगता है और छोटा निशान बनता है। प्रारंभिक चरण के कोलन कैंसर के लिए जीवित रहने की दर आशाजनक है, जो शीघ्र पता लगाने के महत्त्व पर जोर देती है। निवारक उपायों पर सार्वजनिक शिक्षा, लक्षणों को पहचानना और समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त करना कोलन कैंसर के बोझ को कम करने और समग्र स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
