
ऊना। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत ब्लॉक स्तरीय समिति की बैठक मंगलवार को एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान की अध्यक्षता में कल्याण भवन में आयोजित की गई। एसडीएम ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहल करते हुए अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का दर्जा दिया है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश पहला ऐसा …
ऊना। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत ब्लॉक स्तरीय समिति की बैठक मंगलवार को एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान की अध्यक्षता में कल्याण भवन में आयोजित की गई। एसडीएम ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहल करते हुए अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का दर्जा दिया है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश पहला ऐसा राज्य है जहां पर राज्य सरकार दुर्भाग्यवश अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई, गृह निर्माण, कोचिंग तथा अपना स्वरोजगार शुरू करने के लिए अनुदान दे रही है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत 12 मामले अनुमोदन के लिए भेजे गए, जिनमें से 4 अनुमोदित हो चुके हैं तथा 6 विचाराधीन है। इसके अतिरिक्त 9 मामले सामाजिक सुरक्षा हेतू स्वीकृत को चुके हैं। इस योजना के अंतर्गत ऑनलाइन कोचिंग आयोजित की जाएगी और ऑफ लाइन कोचिंग सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। हायर सेकेंडरी और ग्रेजुएशन के दौरान कोचिंग दी जाएगी। इस अवसर पर बीडीओ केएल वर्मा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी कमलदीप सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी नरेंद्र कुमार, सीडीपीओ कुलदीप दयाल, तहसील कल्याण अधिकारी जतिन्द्र कुमार, आईटीआई प्रधानाचार्य बीएस ढिल्लों सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
विश्व मोहन देव चौहान ने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रार्थी संबंधित बाल विकास परियोजन अधिकारी के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अनाथ बच्चें की पात्रता जिला बाल संरक्षण अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रमाणित की जाएगी। इसके उपरांत अनाथ की वरीयता के साथ पूरा मामला संबंधित जिला प्रशासन को आगामी कार्रवाही के लिए भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन फॉर्म जिला बाल संरक्षण कार्यालय और क्षेत्र के बाल विकास परियोजना अधिकारी के कार्यालय में उपलब्ध है। बैठक में बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना और बेटी है अनमोल योजना पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
