भुंतर। दो दिनों की राहत के बाद जिला कुल्लू की रूपी-पार्वती घाटी को सफेद आसमानी आफ त ने फिर अपनी चपेट में ले लिया है। देर रात और रविवार सुबह हुई बर्फबारी का घाटी के उंचाई वाले ईलाकों में दौर फिर से आरंभ हो गया। हिमपात के बाद उंचाई वाले क्षेत्रों के रूटों को चपेट …
भुंतर। दो दिनों की राहत के बाद जिला कुल्लू की रूपी-पार्वती घाटी को सफेद आसमानी आफ त ने फिर अपनी चपेट में ले लिया है। देर रात और रविवार सुबह हुई बर्फबारी का घाटी के उंचाई वाले ईलाकों में दौर फिर से आरंभ हो गया। हिमपात के बाद उंचाई वाले क्षेत्रों के रूटों को चपेट में लिया तो कई स्थानों पर बिजली-पानी की व्यवस्था को भी पटरी से उतार दिया। हालांकि ताजे हिमपात ने को किसानों-बागबानों के चेहरों की रौनक जरूर बढ़ाई है। निचले इलाकों में हालांकि बिजली-पानी की व्यवस्था सुचारू चली है जो बहुत राहत लोगों को फि लहाल दे रही है। जानकारी के अनुसार रविवार को बर्फ बारी के चलते बरशैणी, मलाणा, शीलागढ़ में करीब आधा से एक फु ट तक ताजा परत बर्फ की जम गई तो बिजली महादेव में छह इंच, कोटकंढी में एक फुट बर्फ ताजा दर्ज की गई।
बर्फ ने पार्वती घाटी के बरशैणी, मलाणा, भलाण व अन्य रूटों को प्रभावित किया। खराब मौसम के बीच परिवहन निगम ने सभी चालकों-परिचालकों को निर्देश देते हुए बसों को रात के समय सुरक्षित स्थानों पर खड़ा करने के निर्देश दिए हैं और किसी भी प्रकार खतरा न उठाने को कहा है। वहीं कई स्थानों पर पानी और बिजली भी जबाब दे गई। हिमपात के कारण भले ही घाटी का जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है लेकिन इसके बाबजूद घाटी के किसानों-बागबानों के चेहरों की रौनक एकाएक बढ़ गई। जिला के कृषि विज्ञान केंद्र बजौरा की प्रभारी डा. चंद्रकांता के अनुसार फसलों में बर्फबारी से नई जान आई है तो सेब और अन्य बागबानी फसलों को भी इससे संजीवनी मिलेगी। उन्होने किसानों-बागबानों को अब खेतों के कार्यों को पूरा करने की सलाह दी है। बहरहाल, ताजा हिमपात ने वाहनों के पहिए रोके तो किसानों-बागबानों को राहत दी।