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शिवालिक ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र ने अब तक निकाले 190 ड्रम

13 Feb 2024 6:47 AM GMT
शिवालिक ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र ने अब तक निकाले 190 ड्रम
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बद्दी। औद्योगिक कस्बे बरोटीवाला के तहत झाड़माजरी स्थित एनआर अरोमा फैक्टरी परिसर से ज्वलनशील केमिकल वेस्ट हटाने का काम लगातार चौथे दिन भी जारी रहा। सोमवार को फैक्टरी परिसर से करीब 50 ड्रम केमिकल के हटाए गए, जिन्हें वैज्ञानिक तरीके से निपटान के लिए दभोटा स्थित संयंत्र पहुंचाया गया। बता दें कि इन चार दिनों के …

बद्दी। औद्योगिक कस्बे बरोटीवाला के तहत झाड़माजरी स्थित एनआर अरोमा फैक्टरी परिसर से ज्वलनशील केमिकल वेस्ट हटाने का काम लगातार चौथे दिन भी जारी रहा। सोमवार को फैक्टरी परिसर से करीब 50 ड्रम केमिकल के हटाए गए, जिन्हें वैज्ञानिक तरीके से निपटान के लिए दभोटा स्थित संयंत्र पहुंचाया गया। बता दें कि इन चार दिनों के भीतर ही फैक्टरी के भीतर से 190 के करीब केमिकल के ड्रम निकाले जा चुके है, जिनमें से कई खाली हो चुके थे जबकि कई ड्रम में केमिकल था जो कि अनुमानित चार हजार लीटर के करीब है। केमिकल के ड्रम निकालने का सिलसिला अभी थमा नहीं है। मंगलवार को दोबारा केमिकल वेस्ट हटाने की कवायद शुरू होगी। हैरत की बात यह है कि 750 स्केवयर मीटर एरिया में स्थापित एनआर अरोमा फैक्टरी से अब तक 200 लीटर क्षमता के 190 के करीब केमिकल के ड्रम बाहर निकाले जा चुके है, ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि फैैक्टरी परिसर के भीतर भंडारण क्षमता से ज्यादा तादाद में केमिकल का स्टोर किया था, लेकिन संबंधित विभागों की इस पर कभी नजर नहीं गई।

यहां उल्लेखनीय है कि उद्योग विभाग में करवाए गए पंजीकरण के अनुसार यह परिधान इत्र का निर्माण करता था जबकि राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण के मुताबिक परिधान इत्र उत्पाद सौंदर्य प्रसाधनों के दायरे में नहीं आता है और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत किसी लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है। इसमें फिनाइल एथिल अल्कोहल, बेंजाइल सैलिसिलेट, बेंजाइल बेंजोएट, आईएसओ प्रोपाइल पामिटेट, एमी सैलिसिलेट, डायथाइल फाथलेट आदि जैसे कच्चे माल का उपयोग किया है। शिवालिक ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र के डीजीएम सुर्दशन ने बताया कि सोमवार को भी केमिकल वेस्ट हटाने का काम जारी रहा और करीब 50 ड्रम निक ाले गए। अब तक 190 से ज्यादा केमिकल के ड्रम निकाले जा चुके है। परफ्यूम फैक्टरी में अग्रिकांड के 11 दिन बाद भी तीन लापता कामगारों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। सोमवार को भी फैक्टरी की दूसरी मंजिल पर मलबे के ढेर में लापता कामगारों की तलाश एसडीआरएफ के जवान करते रहे लेकिन खाली हाथ ही वापिस लौटना पड़ा। उधर, बरामद नर कंकाल की शिनाख्त के लिए सोमवार को डीएनए टेस्ट के लिए सैंपलिंग भी नही हो पाई। इस हादसे में अब तक सात कामगारों के शव मिले है।

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