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सैंज नदी के तटीकरण पर खर्च होंगे 3.74 करोड़

10 Feb 2024 4:42 AM GMT
सैंज नदी के तटीकरण पर खर्च होंगे 3.74 करोड़
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सैंज। सैंज नदी में गत वर्ष जुलाई माह में आई भयंकर बाढ़ से प्रभावित हुए पिन पार्वती नदी के आसपास बसे ग्रामीणों को प्रदेश सरकार की ओर से सौगात वाली खबर मिली है। सैंज से लेकर बिहाली तक नदी के आसपास के तटों पर फ्लड प्रोटेक्शन एवं तटीकरण के कार्यों का रास्ता साफ हो गया है। …

सैंज। सैंज नदी में गत वर्ष जुलाई माह में आई भयंकर बाढ़ से प्रभावित हुए पिन पार्वती नदी के आसपास बसे ग्रामीणों को प्रदेश सरकार की ओर से सौगात वाली खबर मिली है। सैंज से लेकर बिहाली तक नदी के आसपास के तटों पर फ्लड प्रोटेक्शन एवं तटीकरण के कार्यों का रास्ता साफ हो गया है। प्रदेश जल शक्ति विभाग ने तटीकरण की तमाम प्रक्रिया पूरी कर निर्माता एजेंसियों से विज्ञापन के जरिए टेंडर आमंत्रित किए हैं। जल शक्ति विभाग मंडल लारजी के कार्यालय में तैनात अधिशाषी अभियंता रविंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि तीन करोड़ 74 लाख के बजट से सैंज नदी का तटीकरण किया जाएगा, जबकि विभाग ने इस संबंध में इच्छुक ठेकेदारों से ऑनलाइन टेंडर आमंत्रित किए हैं। करोड़ों रुपए के इस बजट से सैंज नदी के आर पार नदी का उद्धार, सुरक्षा दीवारें, क्रेट वायर के अलावा अन्य तरह के विभिन्न निर्माण कार्य किए जाएंगे। अधिशाषी अभियंता ने बताया कि भूमि पुनग्र्रहण के अलावा लोगों के कृषि क्षेत्र में यह योजना कारगर साबित होगी।

उल्लेखनीय यह भी है कि ऊर्जा सेक्टर की नवरत्न कंपनी एनएचपीसी इसके लिए मददगार बनी हैं तथा एनएचपीसी ने नदी के तटीकरण को तीन करोड़ 72 लाख रुपए का बजट जारी किया है, जिसके चलते सैंज घाटी में नदी किनारे बसे गांवों व बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का कायाकल्प होने जा रहा है। पार्वती परियोजना चरण तीन के ग्रुप महाप्रबंधक प्रकाश चंद ने बताया कि एनएचपीसी ने सामाजिक कार्यों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए पूर्व में पुल व अन्य कार्य हेतु नौ करोड़ चालीस लाख रुपए की धनराशि जारी की है। वहीं सैंज नदी के आसपास बसे ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए पिन पार्वती नदी को तटीकरण हेतु तीन करोड़ 72 लाख की स्वीकृति दी है। इस बजट से सैंज से लेकर बिहाली तक नदी किनारे बाढ़ से प्रभावित हुए तमाम निर्माण कार्य होने चाहिए। प्रोजेक्ट के धरातल पर उतरते ही बाढ़ का खौफ समाप्त हो जाएगा। बरसात के दिनों में सैंंज नदी संवेदनशील व गुस्सैल मानी जाती है और भारी तवाही के साथ लोगों की ऊपजाउ जमीन, बाग बागीचे व भूमि कटाव के अतिरिक्त मृदा अपर्दन करती है। इस योजना से अब नदी के आसपास सुरक्षा होगी और बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की कायाकल्प होगी। जल शक्ति विभाग ने अपनी औपचारिकताएं पूरी कर नदी के तटीकरण के टेंडर आमंत्रित किए हैं।

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