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पालमपुर। ट्यूलिप गार्डन से फूलों की अंतरराष्ट्रीय मार्केट में पालमपुर की पहचान करवाने के बाद अब पालमपुर स्थित हिमालयन जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान ने पियोनी फूल पर काम करने की योजना तैयार की है। फूलों की खेती से किसानों की आर्थिकी मजबूत करने का प्रयास कर रहे संस्थान में अब पियोनी फूल पर शोध किया जाएगा। महंगे …
पालमपुर। ट्यूलिप गार्डन से फूलों की अंतरराष्ट्रीय मार्केट में पालमपुर की पहचान करवाने के बाद अब पालमपुर स्थित हिमालयन जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान ने पियोनी फूल पर काम करने की योजना तैयार की है। फूलों की खेती से किसानों की आर्थिकी मजबूत करने का प्रयास कर रहे संस्थान में अब पियोनी फूल पर शोध किया जाएगा। महंगे दाम पर बिकने वाले पियोनी फूल की बाजार में बहुत मांग है और और फिलवक्त देश में यह फूल नीदरलैंड से आयात किया जाता है।
यह फूल ठंडी जलवायु में तैयार होता है और वैज्ञानिकों के अनुसार इसकी प्रदेश में पैदावार हो सकती है। पियोनी फूल की एं डंडी की कीमत बाजार में 350 रुपए के करीब है और प्रदेश में इसकी खेती फूलोत्पादकों के लिए नई संभावनाएं बनाएगी। पियोनी सबसे पसंदीदा और लोकप्रिय फूलों में से एक और इसलिए इसके बाजार में बढिय़ा दाम मिलते हैं। इसका उपयोग भव्यता और सजावट के लिए खासतौर पर किया जाता है। रंग के आधार पर पियोनी के कई अर्थ होते हैं। पियोनी फूल को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। चीन और जापान में खिलने का मतलब धन, सम्मान और भाग्य से है। पियोनी के फूल को करुणा का भी प्रतिनिधित्व करते हैं।
नीदरलैंड और हरियाणा की संस्थाओं के साथ मिलकर आईएचबीटी संस्थान हिमाचल, उत्तराखंड और लद्दाख की जलवायु में शोध कर कृषि प्रौद्योगिकी विकसित करेंगी एवं उसका प्रसार कर किसानों को लाभ पहुंचाएंगी, ताकि राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
डाक्टर सुदेश कुमार यादव, निदेशक, आईएचबीटी
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