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शिमला: हिमाचल प्रदेश में ‘यूपीआई’ धोखाधड़ी, नौकरी दिलाने के बहाने धोखेबाजी, ‘सेक्सटॉर्शन’ और ‘ब्लैकमेलिंग’ से संबंधित शिकायतों में तेजी देखी गई है तथा राज्य में पुलिस को हर घंटे साइबर अपराध की एक शिकायत मिल रही है।
पुलिस आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय धोखाधड़ी, सोशल नेटवर्किंग और विविध शिकायतों में 77 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। जनवरी से अक्टूबर 2022 के बीच ऐसी 4,593 शिकायतें मिली थीं, जबकि 2023 की समान अवधि में इनकी संख्या 8,152 रही। इन अपराधों के मामले में मंडी, कांगड़ा और शिमला जिले शीर्ष पर हैं।
वर्ष 2022 और 2023 के पहले 10 महीनों की तुलना से पता चलता है कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) धोखाधड़ी के मामले 436 से बढ़कर 1,145, नौकरी दिलाने संबंधी धोखाधड़ी के मामले 234 से बढ़कर 600, ‘सेक्सटॉर्शन’ और ‘ब्लैकमेलिंग’ के मामले 162 से बढ़कर 199 तथा फर्जी/हैक किये गए सोशल मीडिया अकाउंट से संबंधित मामले 706 से बढ़कर 1,314 हो गए।
अधिकारियों ने कहा कि साइबर अपराध चिंताजनक दर से बढ़ रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पुलिस अधीक्षक भूपिंदर नेगी ने कहा कि मामलों में वृद्धि के अलावा, शिकायतों की संख्या में वृद्धि का कारण साइबर अपराध को लेकर जागरूकता बढ़ना भी है क्योंकि आम नागरिक, विशेषकर युवाओं को साइबर धोखाधड़ी के बारे में जागरूक करने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप अधिक लोग शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे आ रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक (साइबर अपराध) रोहित मालपानी ने कहा, “हमें हर घंटे एक साइबर शिकायत मिल रही है। 2022 में (अक्टूबर तक) प्राथमिकियों की संख्या 11 थी, जबकि 2023 में समान अवधि तक इनकी संख्या 69 रही।”