सोलन। जिला सोलन में ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। दिन के समय धूप के बीच भी लोगों को ठंडी हवाओं का सामना करना पड़ रहा है। लोग भी सुबह व शाम के समय घरों से निकलने में परहेज कर रहे हैं। गर्म कपड़े धारण करने के उपरांत भी लोगों का ठंड से निजात …
सोलन। जिला सोलन में ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। दिन के समय धूप के बीच भी लोगों को ठंडी हवाओं का सामना करना पड़ रहा है। लोग भी सुबह व शाम के समय घरों से निकलने में परहेज कर रहे हैं। गर्म कपड़े धारण करने के उपरांत भी लोगों का ठंड से निजात नहीं मिल पा रही है। सोलन शहर सहित अर्की, कुनिहार, कंडाघाट, परवाणू, नौणी, चायल, धर्मपुर, कसौली में सर्द हवाएं चलने से लोग ठंड से बचने के लिए हीटर, तंदूर का अलाव का सहारा ले रहे हैं। ठंड से बाजार सुबह देरी से खुल रहे हैं और शाम को जल्दी बंद हो रहे हैं। मौसम में आए बदलाव के कारण तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। बारिश न होने की वजह से ठंड दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर बारिश न होने की वजह से किसान समय पर फसलों की बिजाई करने से वंचित रह गए। डा. यशवंत सिंह परमार नौणी विश्वद्यालय द्वारा जारी ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के अनुसार आगामी पांच दिनों में मौसम शुष्क रहेगा, हल्की से मध्यम ठंडी हवाएं चलेंगी और अलग-अलग हिस्सों में घना कोहरा छा सकता है। अधिकतम और न्यूनतम यू तापमान क्रमश: 19.0-20.0 और 0.0-2.0 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। उत्तर-पूर्व दिशा में हवा की गति 7.0-8.0 किमी प्रति घंटे के बीच होगी। सापेक्ष आद्र्रता 14-79 प्रतिशत के बीच उतार-चढ़ाव होगी।
सोलन में बारिश न होने से शुष्क ठंड बढ़ती जा रही है। शुष्क ठंड के कारण लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं और बीमारियों से पीडि़त हो रहे हैं। वहीं अस्पतालों में भी खांसी, जुकाम और बुखार के मामले अधिक हो गए हैं। सोलन अस्पताल में अपने स्वास्थ्य की जांच करवाने के लिए पहुंचने वाले लोगों में उपरोक्त रोगों से पीडि़त रोगियों की संख्या अधिक देखने को मिल रही है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने ठंड से बचाव करने और शरीर को पूरी तरह ढककर बाहर निकलने का आग्रह किया है ताकि शुष्क ठंड से बचाव किया जाए सके। डा. यशवंत सिंह परमार नौणी विश्वद्यालय के वैज्ञानिकों अनुसार न्यूनतम तापमान में कमी आई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में इसमें और कमी आने की उम्मीद है। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि फसलों को पाले से बचाने के लिए शाम के समय हल्की सिंचाई करें। सब्जी फसलों की नर्सरी र्स को कम तापमान से बचाने के लिए पॉलीशीट या सरकंडा घास का प्रयोग करें। इसके अलावा किसानों को खेत में कीड़ों और कीटों के हमले के खिलाफ सब्जियों की फसलों की नियमित निगरानी रखने का भी सुझाव दिया है।