शिमला। खादी का अर्थ है, हाथ से बुना हुआ कपड़ा, लेकिन आपके औसत कपड़े के विपरीत खादी भारत की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के इतिहास में एक बहुत ही विशेष स्थान रखती है। खादी से बनी वस्तुएं देश भर में पसंद की जाती है। महात्मा गांधी ने बेरोजगार ग्रामीण आबादी को रोजगार प्रदान करने के साधन …
शिमला। खादी का अर्थ है, हाथ से बुना हुआ कपड़ा, लेकिन आपके औसत कपड़े के विपरीत खादी भारत की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के इतिहास में एक बहुत ही विशेष स्थान रखती है। खादी से बनी वस्तुएं देश भर में पसंद की जाती है। महात्मा गांधी ने बेरोजगार ग्रामीण आबादी को रोजगार प्रदान करने के साधन के रूप में खादी की अवधारणा विकसित की और प्रधानमंत्री ने देश के लिए खादी, फैशन के लिए खादी का मंत्र दिया है और खादी को अब एक फैशन स्टेटमेंट के रूप में देखा जाता है। पीएम मोदी ने अपने मन की बात में कई बार खादी के महत्त्व तथा उसको प्रोत्साहित करने पर बल दिया है, लेकिन खादी से बनी वस्तुएं अब हिमाचल में भी 30 फीसदी लोग ही खरीद रहे है। हिमाचल प्रदेश खादी और ग्रामोद्योग एकमात्र ऐसा उद्योग है, जो खादी से बनी वस्तुओं का उत्पादन करता है।
राजधानी शिमला में खादी के कपड़ों का क्रेज पहले से अधिक देखने को मिलता था, लेकिन बर्फबारी न होने के कारण इसका असर हिमाचल प्रदेश खादी और ग्रामोद्योग पर साफ दिखाई दे रहा है। हिमाचल प्रदेश खादी और ग्रामोद्योग शिमला के अधिकारी नरेंद्र ने बताया कि पिछले वर्ष के मुकाबले खादी वस्तुओं की बिक्री में इस वर्ष 70 से 80 फीसदी कमी आई है। उन्होंने कहा की पर्यटकों के न आने के चलते इन वस्तुओं की बिक्री में गिरावट आई है। खादी और ग्रामोद्योग केंद्रों में सेल बढ़ाने के लिए पहले भी 3 अक्टूबर से 29 अक्तूबर 2023 तक विशेष छूट दी गयी थी, लेकिन इसके बावजूद भी सेल में कोई फायद नही हुआ। इसलिए दोबारा केन्द्रो में 1 जनवरी से 15 जनवरी तक विशेष छूट दी गयी थी।, लेकिन इस छूट के बावजूद बिक्री में इजाफा न हो सका। हिमाचल प्रदेश खादी और ग्रामोद्योग द्वारा खादी वस्तुओं पर 20 दी गयी थी। इसके बाद अब 15 फरवरी से 31 मार्च तक दोबारा इन वस्तुओं पर विशेष छूट दी जाएगी।