गगल। गगल हवाई अड्डे के विस्तारीकरण को लेकर पांच से लेकर सात फरवरी तक होने वाली जन सुनवाई के तीसरे दिन पर कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत गगल के वार्ड तीन और वार्ड पांच के लिए जन सुनवाई ग्राम पंचायत भवन के प्रांगण में बुधवार को एडीएम हरीश गज्जू और एसडीएम कांगड़ा इशांत जसवाल …
गगल। गगल हवाई अड्डे के विस्तारीकरण को लेकर पांच से लेकर सात फरवरी तक होने वाली जन सुनवाई के तीसरे दिन पर कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत गगल के वार्ड तीन और वार्ड पांच के लिए जन सुनवाई ग्राम पंचायत भवन के प्रांगण में बुधवार को एडीएम हरीश गज्जू और एसडीएम कांगड़ा इशांत जसवाल की अध्यक्षता में शुरू हुई। इस जन सुनवाई में ग्राम पंचायत गगल की प्रधान रेणु पठानिया, उपप्रधान भुवनेश चड्डा और पंचायत प्रतिनिधि मौजूद रहे। जिला प्रशासन से आए अधिकारी एडीएम हरीश गज्जू ने लोगों को पुनर्वासन और पुनव्र्यवस्थापन की रिपोर्ट के बारे में उपस्थित लोगों को जानकारी दी। उन्होंने उपस्थित लोगों को अपनी-अपनी जमीनों के बारे में जानने के बारे में कहा कि आप लोग इसमें यह देखें कि इसमें किसी प्रकार की त्रुटि तो नहीं है। किसी का नाम या किसी का भवन तो नहीं छूट गया है। ग्रामीणों ने सुक्खू सरकार और उनके मंत्रियों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री तो क्या जिला कांगड़ा के मंत्री तक उनके दर्द को पूछने नहीं आए।
उपस्थित ग्रामीणों में इस बात को लेकर भी रोष रहा कि स्थानीय भाजपा विधायक ने भी यहां के लोगों का दर्द तक नहीं जाना। ग्रामीणों ने कहा कि जिस प्रकार गगल कस्बा प्राइम लोकेशन पर स्थित है, सरकार उनको उसी प्रकार की प्राइम लोकेशन पर जगह दें। ग्राम पंचायत इच्छी में जन सुनवाई नायब तहसीलदार शाहपुर राजिंद्र सिंह पठानिया की अध्यक्षता में हुई। इच्छी में भी फिर से विरोध के स्वर उठे । यहां लोगों ने कहा कि वह अपनी जमीन हवाई अड्डे के लिए नहीं देंगे। ग्राम पंचायत सनौरा में महाल ढुगियारी खास के लिए जन सुनवाई तहसीलदार कांगड़ा मोहित रत्न की अध्यक्षता में हुई । लोगों ने अपने सुझाव दिए। प्रधान सुनीता देवी ने बताया कि शांतिपूर्वक ढंग से लोगों ने इस जन सुनवाई में भाग लिया। उधर, ग्राम पंचायत रच्छियालू में भी महाल रच्छियालू की जन सुनवाई एसडीएम शाहपुर करतार चंद की अध्यक्षता में हुई। इस जन सुनवाई में रच्छियालू के लोगो ने अपनी-अपनी मांग रखते हुए कहा कि उन्हें रहने के लिए कम से कम एक कनाल भूमि, घर बनाने के लिए 12 लाख, गुजारा भत्ता 10 हजार रुपए और उन्हें कियोडिय़ां और भड़ोत में खाली पड़ी जमीन पर बसाया जाए और जितनी भी मूलभूत सुविधाएं जरूरी होती हैं, सरकार मुहैया करवाए।