
मलोखर। अलीखड्ड त्रिवेणीघाट के नजदीक अर्की के माईनिंग प्रभावित क्षेत्र को जबरन पानी उठाने का जनता ने कड़ा विरोध दर्ज करवाया है। यह अलीखडड से पानी उठाया गया तो इस खडड पर आधारित तीस के करीब सिंचाई व पेयजल स्कीमों पर गहरा असर पड़ेगा। लोगों ने जल शक्ति मंत्री व बिलासपुर प्रशासन से जल्द इस योजना …
मलोखर। अलीखड्ड त्रिवेणीघाट के नजदीक अर्की के माईनिंग प्रभावित क्षेत्र को जबरन पानी उठाने का जनता ने कड़ा विरोध दर्ज करवाया है। यह अलीखडड से पानी उठाया गया तो इस खडड पर आधारित तीस के करीब सिंचाई व पेयजल स्कीमों पर गहरा असर पड़ेगा। लोगों ने जल शक्ति मंत्री व बिलासपुर प्रशासन से जल्द इस योजना को सरकारी तौर पर रद्द करने की मांग की है। साथ ही चेताया है कि इस इस योजना को रद्द नहीं किया गया तो 50 प्रभावित पंचायतों के लोग आंदोलन करने को विवश हो जाएंगे। छकोह पंचायत की प्रधान लता चंदेल, बृज लाल, नम्होल पंचायत के पूर्व प्रधान रणजीत सिंह, घ्याल पंचात के प्रधान शेर सिंह, सिकरोहा वार्ड नंबर 10 के बीडीसी बृज लाल, गणपत राम, संजीव कुमार, हरि राम, रूप लाल, मुनसी राम, देशराज, प्रेम लाल, संजय कुमार, राजेश कुमार, बुद्धि राम, रतन लाल, नरेंद्र कुमार, अशोक कुमार, लाल चंद, सुभाष चंद, जगत राम, सुभाष ठाकुर, कश्मीरी लाल, बुधि सिंह, अनिल कुमार, हेमराज, बलदेव राम, हंसराज, जगदीश, बाबू राम, सुरजीत सिंह यशपाल व ओपी गौतम सहित अन्य ग्रामीणों ने आग्रह किया है कि बिलासपुर एवं अर्की तहसील के तहत पडऩे वाली अली खड्ड जो ग्राम पंचायत छकोह, सोलधा, सुई सुरहाड़, सिकरोहा, वाडऩू, साई खारसी, धुणी पंजैल, आशा मजारी, जुखाला, कोटला, स्याहुला, नम्होल, घ्याल, बागी बिनौला, कुड्डी भराथु, कंदरौर, चांदपुर सहित अन्य पंचायतों के हजारों लोगों को पीने के पानी एवं सिंचाई परियांजनाओं को पानी मुहैया करवाती है तथा क्षेत्र के हजारों किसानों को रोजी-रोटी व खेती भी इस अली खड्ड के पानी से होती है।
इसके अलावा इस अली खड्ड पर लगभग 35 से 40 घराट मौजूद हैं, जो पानी उठाने के बाद सूख जाएंगे और लेागों की रोटी भी उसी प्रकार छीन जाएगी जैसे अंबुजा दाड़लाघाट क्षेत्र के लोगों ने अपनी जमीन माईनिंग के लिए दी थी और बाद में उस क्षेत्र में खेती भी बंद हो गई है। लोगों ने बताया कि जहां से यह पेयजल योजना बनाई जा रही है वह क्षेत्र बिलासपुर जिला के तहत आता है, जिसके आगे बिलासपुर क्षेत्र के लोगों को भारी पानी उठाने की वजह से सुखाग्रस्त हो जाएगा। क्योंकि पहले ही गर्मियों के दिनों में यह अली खड्ड सूख जाती है, लेकिन हैरानी की बात है कि इस क्षेत्र में पडऩे वाली जमीन के मालिकों का सर्वे भी नहीं किया गया है और न ही इस योजना की जानकारी स्थानीय लोगों को दी गई है, जिससे लोगों में भारी रोष है। इसलिए इस योजना को तुरंत यहां बनने से रोका जाए। इस अली खड्ड में दयोली के पास एशिया का सबसे बड़ा मत्स्य पालन केंद्र भी है, जो इसी पानी पर निर्भर है। अगर यह पानी इतनी भारी मात्रा में उठाया जाता है तो हजारों लोगों के साथ-साथ मत्स्य पालन भी प्रभावित होगा। लोगों ने बताया कि इस योजना के विरोध में पहले भी जलशक्ति मंत्री और उपायुक्त बिलासपुर को सभी प्रभावित पंचायतों ने लोगों के हस्ताक्षर सहित प्रस्ताव दिया था। जिसके बाद इस कार्य पर रोक लगाकर लोगों को आश्वासन दिया गया था लेकिन गैर कानूनी तरीके से बिलासपुर जिला क्षेत्र में पडऩे वाली अली खड्ड पर भारी माइनिंग शुरू कर दी गई है। जिसे अगर तुरंत न किया गया तो पंचायतें आंदोलन करने पर विवश होंगी।
