
शिमला। शहर में सफाई व्यवस्था डगमगा गई है। पिछले हाउस ने फैसला लिया था कि नगर निगम के सीएचओ फील्ड में जाकर सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करेंगे। लेकिन हाउस के बाद सीएचओ छुट्टी पर चले गए थे। सोमवार को नगर निगम के हाउस में भट्टाकुफर के पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने हाउस में जब प्रश्न किया …
शिमला। शहर में सफाई व्यवस्था डगमगा गई है। पिछले हाउस ने फैसला लिया था कि नगर निगम के सीएचओ फील्ड में जाकर सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करेंगे। लेकिन हाउस के बाद सीएचओ छुट्टी पर चले गए थे। सोमवार को नगर निगम के हाउस में भट्टाकुफर के पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने हाउस में जब प्रश्न किया कि सफाई व्यवस्था को लेकर सीएचओ किन किन वार्डों में गए तो इस पर सीएचओ चेतन चौहान ने कहा कि वे छुट्टी पर थे। मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि वह मंगलवार से हर दिन दो से तीन वार्डों का दौरा करेंगे इस दौरान सीएचओ संबंधित वार्ड की सारी रूपरेखा तैयार करेंगे और उस वार्ड में सफाई व्यवस्था को लेकर क्या किया जा रहा है इसकी रिपोर्ट भी वार्ड में ही दिखाएंगे। यह भी फैसला लिया गया कि संबंधित वार्ड के पार्षद भी वार्ड के दौरे के समय मौजूद रहेंगेे और जो सफाई व्यवस्था को लेकर उनके सुझाव होंगे उस पर भी चर्चा की जाएगी।
इस पर सभी पार्षदों ने सहमति जताई है। नगर निगम पहले हाउस से लेकर सफाई कर्मचारियों की कमी को लेकर बात कर रहा है। लेकिन अभी तक सफाई कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है। कृष्णानगर वार्ड के पार्षद बिट्टृू पान्ना ने कहा कि सफाई कर्मचारी सबसे ज्यादा काम कर रहे हैं। सफाई कर्मचारियों की कमी है इसको नगर निगम को देखना चाहिए। एमसी से नहीं होता तो प्रदेश सरकार से आग्रह करें की निगम को 100 सफाई कर्मचारी दें। इस पर भी सभी पार्षदों ने सहमति जताई है। नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी को लेकर सभी पार्षदों ने सवाल खड़े किए हैं। इस पर पार्षदों ने कहा कि वार्डों में सफाई कर्मचारी एक दो घंटे काम करते हैं और चले जाते हैं। इससे पूरे वार्ड में सफाई व्यवस्था ही डगमगा जाती है। इस पर सभी पार्षदों ने मांग की है कि सफाई कर्मचारियों की तैनाती आठ घंटे की होनी चाहिए। ताकि वार्डों में सफाई व्यवस्था सुदृढ़ हो सके। वार्डों में सफाई कर्मचारी एक दो घंटे काम करते हैं ैं। ऐसे में उनको भी राहत मिलनी चाहिए।
