
सोलन। क्षेत्रीय अस्पताल सोलन को लोग नशे का अड्डा बनाते जा रहे हंै। अस्पताल के शौचालय का प्रयोग लोग नशे के लिए करने लगे हैं। यही नहीं कई स्थानों पर तो शराब की खाली बोतलें भी देखी जा सकती हैं। शौचालय सहित अस्पताल की खिड़कियों पर लोग सरेआम बीडिय़ां सिगरेट पीकर टोटे वहीं पर सजा …
सोलन। क्षेत्रीय अस्पताल सोलन को लोग नशे का अड्डा बनाते जा रहे हंै। अस्पताल के शौचालय का प्रयोग लोग नशे के लिए करने लगे हैं। यही नहीं कई स्थानों पर तो शराब की खाली बोतलें भी देखी जा सकती हैं। शौचालय सहित अस्पताल की खिड़कियों पर लोग सरेआम बीडिय़ां सिगरेट पीकर टोटे वहीं पर सजा रहे हैं। वहीं कई जगह तो दीवारों पर गुटखे के निशान भी लगे हुए हैं। इससे साफ प्रतीत होता है कि अस्पताल में आने वाले लोग अस्पताल को नशे का अड्डा बनाने में लगे हुए हैं। मरीज जहां पर उपचार करवाने आते हैं वहीं पर नशे को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे ऐसा प्रतीत है कि कोई भी निगरानी अस्पताल प्रबंधन द्वारा नहीं रखी जा रही है। बता देंं कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा कुछ स्थानों पर नशा एक अभिशाप हैं के बोर्ड भी लगाए गए हैं। लेकिन लोग नियमों की अवहेलना करने से पीछे नही हट रहे हैं। इससे कहीं न कहीं अस्पताल में भर्ती दमे के मरीजों सहित महिलाओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
मरीजों के साथ आने वाले लोग चुपके से मौका देखकर नशा करने से नहीं चूक रहे हैं। शाम ढलते ही कुछ लोग अस्पताल के शौचालय में जाकर शराब प ीने लगते है बाद में शराब की बोतलों को वहीं पर फेंक रहे हैं। अस्पताल की दीवारों पर गुटखे के निशान सरेआम देखे जा रहे हैं। लोग अस्पताल की दीवारों को ही गंदा करने में लगे हैं। शौचायल मे बीड़ी, सिगरेट की बदबू से कई बार तो महिला मरीजों को खासी परेशानी हो रही है। जिन्हें अस्पताल में बनाए गए अन्य शौचालयों का प्रयोग करना पड़ता है। गौर रहे कि क्षेत्रीय अस्पताल बड़ा होने के कारण यहां पर रोजाना भारी संख्या में मरीज उपचार करवाने आते हैं। उधर, क्षेत्रीय अस्पताल के एमएस डा. एसएल वर्मा ने बताया कि अस्पताल में धूम्रपान या अन्य नशा लोगों को करते नहीं देखा है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कर्मियों को अस्पताल के अंदर या अस्पताल परिसर में कोई नशा करता पाया जाता है तो कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।
