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नशे के दलदल में फंसने के बाद एमबीए की पढ़ाई छूटी

9 Feb 2024 5:32 AM GMT
नशे के दलदल में फंसने के बाद एमबीए की पढ़ाई छूटी
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हमीरपुर। नशा आज के दौर का एक ऐसा विषय और समस्या बन गई है, जिसकी हर मंच से चर्चा हो रही है। युवाओं को विभिन्न तरीकों से जागरूक करने का प्रयास भी किया जा रहा है, लेकिन इसके मामले घटने के बजाय लगातार बढ़ रहे हैं। वक्त के साथ-साथ बदले नशे के स्वरूप की लत ने …

हमीरपुर। नशा आज के दौर का एक ऐसा विषय और समस्या बन गई है, जिसकी हर मंच से चर्चा हो रही है। युवाओं को विभिन्न तरीकों से जागरूक करने का प्रयास भी किया जा रहा है, लेकिन इसके मामले घटने के बजाय लगातार बढ़ रहे हैं। वक्त के साथ-साथ बदले नशे के स्वरूप की लत ने युवाओं की जिंदगी में इतना बिखराव कर दिया है कि उनसे अब यह समेटे नहीं सिमट रही। एक ऐसा ही वाकया जिला हमीरपुर में सामने आया है, जिसमें पता लगा है कि चिट्टे की लत ने कैसे एक वेल क्वालिफाई 33 वर्षीय युवक और उसकी पत्नी की जिंदगी को जहन्नुम बना दिया। यह खबर बतानी इसलिए जरूरी है कि किसी और को ऐसे दिन न देखने पड़ें। मामला जिला हमीरपुर के एक दूरदराज गांव का है। जुटाई गई जानकारी से पता चला है कि यह युवक बहुत अच्छे घराने से ताल्लुक रखता है। पिता अच्छी खासी सरकारी नौकरी करते थे। पैसों की कमी नहीं थी। युवक पढऩे में काफी होनहार था। उसने हमीरपुर में अपना ग्रेजुएशन किया और एमबीए करने के लिए धर्मशाला चला गया। यहीं से शुरू हुआ उसकी जिंदगी का काला अध्याय। कुछ ऐसे दोस्तों की संगत मिल गई कि पहले धुम्रपान, फिर शराब, फिर चरस और भांति-भांति के नशों से गुजरती जिंदगी चिट्टे की दहलीज पर आ पहुंची।

नशा महंगा था, तो घरवालों से कई बहाने बनाकर पैसा लेकर चिट्टे की तलब को शांत करने का प्रयास होता रहा। एक समय ऐसा आया, जब पढ़ाई बीच में छोडक़र युवक वापस हमीरपुर आ गया। यहां एक युवती से प्रेम प्रसंग हो गया, लेकिन कहते हैं न कि प्यार अंधा होता है, तो नशे की लत में फंसे उस युवक के साथ युवती को भी चिट्टे की लत लग गई। जब दोनों परिवारों का लगा कि अब ये उनके हाथ से बाहर निकल गए हैं, तो दोनों की शादी करवा दी। दोनों चिट्टे नशे के दलदल में बुरी तरह से फंस चुके थे। ऐसे में पैसों के अभाव में जिंदगी मुश्किल से गुजरने लगी, घर का माहौल खराब होने लगा। आखिर में युवक के पिता ने दोनों को गांव से बाहर एक कच्चा मकान किराए पर लेकर दिया है, जहां दंपति रहता है और बड़ी मुश्किल से अपना गुजारा करता है। कई तरह के जुगाड़ लगाकर जैसे-तैसे रोजी-रोटी को तो जुगाड़ होता है, लेकिन चिट्टे के जुगाड़ के लिए उन्हें कई तरह के हथकंडे अपनाने पड़ते हैं। बताते हैं कि शादी के बाद उनके घर में एक बेटी ने जन्म लिया था, लेकिन बाद में उसकी मृत्यु हो गई थी। जैसा कि सब जानते हैं कि चिट्टे के चंगुल में फंसे व्यक्ति को इससे बाहर निकालना काफी मुश्किल होता है। जब उनसे कोई पूछता है कि छोड़ क्यों नहीं देते, तब उनका जवाब होता है, क्या करें साहब छोडऩा तो चाहते हैं, लेकिन छूटती नहीं यह लत।

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