
मंडी। छह दिसंबर, 1992 का वह दिन शायद ही की कोई कारसेवक आज तक भूल सका हो। इसी दिन अयोध्या में रामलला के मंदिर के पास विवादित ढांचा कारसेवकों ने अपने हाथों से गिरा दिया था और भगवान राम की टेंट में स्थापना की थी। इसी जगह आज भगवान राम के भव्य मंदिर और उनकी मूर्ति …
मंडी। छह दिसंबर, 1992 का वह दिन शायद ही की कोई कारसेवक आज तक भूल सका हो। इसी दिन अयोध्या में रामलला के मंदिर के पास विवादित ढांचा कारसेवकों ने अपने हाथों से गिरा दिया था और भगवान राम की टेंट में स्थापना की थी। इसी जगह आज भगवान राम के भव्य मंदिर और उनकी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। मंडी के कारसेवक युवाओं की एक टोली इस कारसेवा में अपनी जान की बाजी लगा कर आई थी। इन युवाओं ने अपनी जान की बाजी लगाते हुए विवादित ढांचे के तीनों गुंबदों को अपने हाथों से गिराने की कारसेवा की थी। पहली दिसंबर को मंडी से रवाना हुई बीस युवाओं की इस टोली का नेतृत्व में वर्तमान में प्रदेश भाजपा के महामंत्री बिहारी लाल ने किया था। बाबा भूतनाथ मंदिर में टोली ने पूजा अर्चना करने के बाद विवादित ढांचा गिराकर ही लौटने का प्रण लिया था। इस टोली को मंडी के लोगों ने एक तरह से उस दिन अंतिम विदाई दी थी और शोभायात्रा निकाल कर टोली को रवाना किया था।
बिहारी लाल उस समय मंडी कालेज में परिषद के इकाई सचिव थे और उनके साथ मुकेश चंदेल, नीतिराज वर्मा, हेमंत कुमार, प्यारे लाल, राजेंद्र ठाकुर, शिशांक शेखर, विनय कुमार और मदन कुमार सहित अन्य युवा गए थे। इस टीम के साथ मंडी के तीन बुजुर्ग दिलीप चंद वैद्य, देवकीनंदन कपूर और जगत सिंह भी गए थे। ये तीनों बुजुर्ग आज इस दुनियां में नहीं हैं। बिहारी लाल बताते हैं कि उन्होंने तो अपने घर पर किसी को भी नहीं बताया था। जब ढांचा गिराकर वापस पहुंचे, तो घर पर इस बात का पता चला था। ढांचे को गिराने से पहले सभी ने गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति के दर्शन किए थे और उसके बाद छह दिसंबर को विवादित तीनों गुबंद गिराने का काम शुरू हुआ। बिहारी लाल कहते हैं कि हम सबको पता था कि कुछ भी हो सकता था, लेकिन सब सिर पर भगवा बांध कर इसे अपनी अंतिम कार सेवा मान कर निकले थे। नौ दिसंबर को सब लोग वापस मंडी पहुंचे थे। आज भी मेरे घर पर ढांचे की गिराई गई ईंटें और मिट्टी रखी है, जो हम सबको उस महान कार सेवा की याद हर रोज दिलाती हैं। बिहारी लाल कहते हैं कि हम सब युवा धन्य हैं, जो कि भगवान राम के काज में काम आ सके।
