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कांगड़ा के कारसेवकों को मलाल

18 Jan 2024 3:55 AM GMT
कांगड़ा के कारसेवकों को मलाल
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कांगड़ा। कारसेवकों को मलाल है कि वह बाबरी मस्जिद ढांचे को विध्वंस करने के लिए वहां तक न पहुंच पाए और फैजाबाद में ही गिरफ्तार कर लिए गए थे। 34 साल बाद जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा नए भव्य राम मंदिर में होने जा रही है, तो उनके चेहरों पर खुशी छा गई है। अब यहां …

कांगड़ा। कारसेवकों को मलाल है कि वह बाबरी मस्जिद ढांचे को विध्वंस करने के लिए वहां तक न पहुंच पाए और फैजाबाद में ही गिरफ्तार कर लिए गए थे। 34 साल बाद जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा नए भव्य राम मंदिर में होने जा रही है, तो उनके चेहरों पर खुशी छा गई है। अब यहां 22 जनवरी को भव्य समारोह में उन्हें सम्मानित भी किया जा रहा है। कागड़ा नगर से मनीष त्रिवेदी, रवि शंकर, स्वर्गीय राजेश बोहरा, अशोक कुमार, सुनील दत्त अग्रवाल, हरेंद्र गिरिराज राम जन्मभूमि आंदोलन में शामिल हुए। 27 दिसंबर, 1992 को एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट अयोध्या जिला फैजाबाद से इन कारसेवकों की जमानत हुई। दीपावली की तरह रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन भव्य उत्सव कांगड़ा शहर में भी मनाया जाएगा। उस दिन मां बज्रेश्वरी की नगरी कांगड़ा में दीपों की जगमगाहट होगी, वहीं भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी होगा। इससे पहले 20 जनवरी को विशाल शोभायात्रा यहां निकाली जाएगी। 15 जनवरी तक अक्षत प्रसाद चित्र और पत्रक वितरण पूरे कांगड़ा में वितरित कर दिए गए हैं। 21 को प्रभात फेरी होगी और 22 जनवरी को मुख्य कार्यक्रम में हजारों लोगों की मौजूदगी में भव्य आयोजन होगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह प्रचारक ओम प्रकाश, विनय गुप्ता, मनु त्रिवेदी सहित दर्जनों राम भक्तों की टीम कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटी है। 22 जनवरी को संत-महात्माओं की उपस्थिति में मंत्र उच्चारण के साथ यज्ञ होगा। प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष में पूरे देश में कार्यक्रमों का आयोजन होगा। संतों का कहना है कि इस दिन परंपरानुसार पूजा-पाठ, आराधना व अनुष्ठान करें। पूज्य संतों द्वारा दिए गए विजय महामंत्र श्रीराम-जय राम-जय जय राम का जाप करें। साथ ही अयोध्या के भव्य दिव्य कार्यक्रम के सीधे प्रसारण को साक्षात देखें। आरती में अपना स्वर मिलाए। प्रसाद बांटें और इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के प्रत्यक्षदर्शी बनकर आनंद मनाएं। दीगर है श्रीराम के 14 वर्ष बाद अयोध्या लौटने की खुशी में प्रति वर्ष दिवाली मनाते हैं। इस बार 22 जनवरी को तो वह दूसरी दीपावली होगी, जब रामजी 500 वर्षों के बाद भारत की स्वतंत्रता की अमृत बेला में अपने जन्म स्थान पर लौटेंगे। अयोध्या में सीमित स्थान होने की वजह से राम भक्तों को वहां नहीं बुलाया जा सकता, अलबत्ता देश के तमाम राज्यों में यह कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिसमें कांगड़ा भी गवाह बनेगा। धार्मिक संस्थाओं को इस कार्यक्रम के साथ जोड़ा जा रहा है। इस्कॉन सहित अनेक संस्थाएं भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी।

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