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जिया में जान के दुश्मन बनने लगे टापू

29 Jan 2024 5:52 AM GMT
जिया में जान के दुश्मन बनने लगे टापू
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कुल्लू। जिला कुल्लू के भुंतर क्षेत्र में पार्वती और ब्यास नदी में बने टापुओं को अगर प्रशासन ने शीघ्र नहीं हटाया तो आने वाले समय में बहुत बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। टापुओं से दोनों नदी का जलस्तर गांव की ओर बढ़ सकता है और बड़ा नुकसान हो सकता है। भुंतर सुधार समिति की …

कुल्लू। जिला कुल्लू के भुंतर क्षेत्र में पार्वती और ब्यास नदी में बने टापुओं को अगर प्रशासन ने शीघ्र नहीं हटाया तो आने वाले समय में बहुत बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। टापुओं से दोनों नदी का जलस्तर गांव की ओर बढ़ सकता है और बड़ा नुकसान हो सकता है। भुंतर सुधार समिति की अध्यक्ष मेघ सिंह कश्यप ने कहा कि प्राकृति आपदा के कारण आई बाढ़ से जिया गांव के पास पार्वती नदी में टापू बन गया हैं। जिस कारण नदी का रूख गांव की ओर मुड़ गया है और ग्रामीण खतरे की जद में आ गए है। इस खतरे से निजात दिलाने के लिए सरकार व प्रशासन से कई बार आग्रह किया लेकिन कोई इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा। जबकि एक महीने के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ जाएगा फिर कुछ नहीं होगा। आने वाली बरसात में बाढ़ का खतरा फिर बढ़ जायगा। बाढ़ के समय नुकसान का जायजा लेने आए कैबिनेट मंत्री ने स्वयं कई स्थानों सहित जिया गांव का भी मौका किया था। ग्रामीणों ने नदी में बने टापू से मलबा हटाने के साथ सुरक्षा दीवार लगाने व बाढ़ से क्षति ग्रस्त फुट ब्रिज के पुन: निर्माण की मांग रखी थी। लेकिन अभितक विभाग की ओर से कोई कर्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। जिया संगम के पास ब्यास नदी से मलबा इक्कठा करने का कार्य शूरू है लेकिन पार्वती नदी में बने टापू से मालवा हटाने को अभी कोई मसीनरी नहीं आई। मेघ सिंह कश्यप ने कहा जहां भी नदी में खतरे वाले टापू बने हैं वह शीघ्र हटाने चाहिए।

जिया व हाथीथान गांव भुंतर शहर टापूओं के कारण खतरे की जद में हैं। जबकि जिया पंचायत व ग्रामीणों ने भी सरकार व जिला प्रशासन से शीघ्र पार्वती नदी से मलबा हटाने व सुरक्षा दीवार लगाने की गुहार लगाई है। जिया के लोगों का कहना है कि भय के माहौल में हम जीने को मजबूर है हमारा दर्द कोई नहीं समझ रहा है। मेघ सिंह कश्यप ने कहा कि जब जुलाई 2023 में जिला कुल्लू में बाढ़ आई थी तो खतरे को देखते हुए लोगों ने रिश्तेदारों आदि के घर में को रातें गुजरी थी। तबाही का मंजर देख लोगों के आंखों में आसूं थे। जिनके घरों के नजदीक पानी पहुंच गया था उनके ऊपर क्या गुजर रही थी। वहीं जिनके आशियाने उजड़ गए वह चीख चीख कर अपना दर्द ब्यान कर रहे थे। शायद सरकार व प्रशासन बरसात आने का इंतजार कर रहा हैं। ग्रामीणों का गाना है कि दो महीनों के उपरांत नदी का जलस्तर बढ़ जाएगा, फिर तो हमारा जीवन भगवान के भरोस ही रहेगा। सभी जानते हैं पार्वती नदी में व ब्यास में टापू बनने से स्थिति बहुत खराब हो चुकी हैं। उन्होनें कहा कि इंसानियत से बढ़ कर कोई धर्म नहीं हैं । एक महीने के बाद नदी का जलस्तर बढऩा शूरू हो जायेगा। बाढ़ के 6 महीने बीत जाने के बाद भी यहां पर सुरक्षा के नाम पर कोई भी कार्य कमप्लिट नहीं हुआ है ।

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