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तीन साल में फोरलेन पर 60 की स्पीड से दौड़ेगा हिमाचल

22 Jan 2024 3:52 AM GMT
तीन साल में फोरलेन पर 60 की स्पीड से दौड़ेगा हिमाचल
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शिमला। हिमाचल में नेशनल हाई-वे के ज्यादातर पैच अब फोरेस्ट क्लीयरेंस के पेच से बाहर आ गए है, जिन एनएच को अब तक मंजूरी मिली है एनएचएआई ने उन्हें आगामी अढ़ाई से तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। एनएचएआई ने हिमाचल में फोरलेन पर अधिकतम गतिसीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की …

शिमला। हिमाचल में नेशनल हाई-वे के ज्यादातर पैच अब फोरेस्ट क्लीयरेंस के पेच से बाहर आ गए है, जिन एनएच को अब तक मंजूरी मिली है एनएचएआई ने उन्हें आगामी अढ़ाई से तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। एनएचएआई ने हिमाचल में फोरलेन पर अधिकतम गतिसीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की है। खास बात यह है कि गति सीमा की जांच करने के लिए एनएचएआई ने सबसे पहले तैयार कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन में जगह-जगह कैमरे लगा दिए है। इन कैमरों की मदद से तय गतिसीमा से ज्यादा स्पीड में वाहन चलाने पर चालान कट सकता है। एनएचएआई सबसे पहले शिमला-कालका नेशनल हाई-वे पर बहु विशेषज्ञ अस्पताल को फोरलेन से जोडऩे की तैयारी की है। अस्पताल को फोरलेन से जोडऩे के लिए जून महीने तक का लक्ष्य तय किया गया है। प्रदेश में शिमला-कालका में चार चरणों में फोरलेन का निर्माण जारी है। इनमें से परवाणू से सोलन तक करीब 40 किलोमीटर के पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में सोलन से कैंथलीघाट के हिस्से का निर्माण जारी है।

इस हिस्से में दो फ्लाइओवर एक सुरंग का निर्माण चल रहा है। कैंथलीघाट से शकराल तक 17 किलोमीटर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यहां एनएचएआई ने 1760 करोड़ रुपए से निर्माण की संभावना जताई है। खास बात यह है कि कालका-शिमला एनएच पर यहां दूसरा टोल प्लाजा प्रस्तावित है। इस समय सनवारा में एक टोल स्थापित है, जबकि केंद्र सरकार ने 60 किलोमीटर दूरी के मानक टोल प्लाजा के लिए तय किए हैं। ऐसे में दूसरा टोल कैंथलीघाट से शकराल के बीच कहीं भी स्थापित किया जा सकता है। आखिरी हिस्से शकराल से ढली तक 11 किलोमीटर 1956 करोड़ रुपए सात पुल और तीन सुरंगें बनेंगी। इनमें से एक सुरंग संजौली शहर के ठीक नीचे से प्रस्तावित है। इसके अलावा शिमला-मटौर एनएच पर शालाघाट तक के हिस्से का आबंटन अभी होना बाकी है। पठानकोट-मंडी एनएच पर पद्धर-बिजनी में डबललेन मार्ग का निर्माण होगा। यहां दो पैच में भूमि अधिग्रहण और टेंडर प्रक्रिया अभी प्रस्तावित है। इसके अलावा एक अन्य नेशनल हाई-वे पिंजौर-नालागढ़ को फोरलेन में बदला जा रहा है।

कीरतपुर-मनाली एनएच के पहले चरण नेरचौक तक फोरलेन का काम पूरा हो गया है। निर्माण पूरा होने के बाद एनएचएआई ने केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्रालय को इसकी सूचना भेजी थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ही फोरलेन का उद्घाटन प्रधानमंत्री से करवाने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन बरसात और आपदा की वजह से फोरलेन का उद्घाटन नहीं हो पाया। अब एक बार फिर प्रधानमंत्री के हिमाचल आगमन का इंतजार चल रहा है। एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने बताया कि पहले एफसीए क्लीयरेंस के बाद फाइल सर्वाेच्च न्यायालय भेजी जाती थी। सर्वाेच्च न्यायालय की मंजूरी में एक साल तक का समय लग जाता था, लेकिन इसके विरोध में एनएचएआई ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। सर्वाेच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए एनएचएआई को यह अनुमति दे दी है कि फोरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों को सर्वाेच्च न्यायालय न भेजा जाए। इस व्यवस्था के बाद फोरलेन निर्माण में तेजी आई है। अब फोरेस्ट क्लीयरेंस मिलते ही काम शुरू हो रहा है।

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