शिमला। फरवरी माह में लगातार बारिश-बर्फबारी ने समूचे हिमाचल को एक बार फिर कड़ी शीतलहर की चपेट में ले लिया है। सोमवार को भी राज्य के बहुत से हिस्सों में बारिश के साथ-साथ मनाली, कुफरी,भरमौर, अठल टनल और कबायली क्षेत्रों में अच्छी बर्फबारी हुई। पिछले पांच दिनों में हुई बारिश ने रिकार्ड बना दिया है और …
शिमला। फरवरी माह में लगातार बारिश-बर्फबारी ने समूचे हिमाचल को एक बार फिर कड़ी शीतलहर की चपेट में ले लिया है। सोमवार को भी राज्य के बहुत से हिस्सों में बारिश के साथ-साथ मनाली, कुफरी,भरमौर, अठल टनल और कबायली क्षेत्रों में अच्छी बर्फबारी हुई। पिछले पांच दिनों में हुई बारिश ने रिकार्ड बना दिया है और फरवरी में अब तक 38 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। गौर हो कि जनवरी में औसत से 98 फीसदी कम बारिश हुई थी। मौसम विभाग ने सोमवार को बताया कि बीते चौबीस घंटे के दौरान शिमला के खदराला में सबसे ज्यादा बर्फबारी हुई है। यहां 30 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई, जो मनाली से भी ज्यादा रही। सोमवार को आए आंकड़ों के अनुसार मनाली में 23.6 सेंटीमीटर, नारकंडा में 20 सेमी, गोंडला में 16.5 सेमी, केलांग में 15.2 सेमी, नशलारो में 15 सेमी, कुफरी में 10 सेमी, सांगला में 8.2 सेमी, कुकुमसेरी में 7.1 सेमी और कल्पा में 7.0 सेमी बर्फबारी दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटे में तापमान में तेजी से गिरावट आई है।
प्रदेश में तापमान औसत से नीचे चला गया है। इस समय सबसे कम तापमान कुकुसमेरी में माइनस 6.8 डिग्री दर्ज किया गया है, जबकि सोमवार को सबसे अधिक तापमान कांगड़ा के देहरागोपीपुर में 14 डिग्री सेल्सियस रहा है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को करसोग और सोलन में छह-छह मिमी, जोगिंदरनगर, बैजनाथ भुंतर एयरपोर्ट और भोरंज में पांच मिमी बारिश हुई है। इसी तरह पच्छाद, कसौली, अर्की, बरठीं, मैहरे, बरनथन, सराहन और अघार में तीन से चार मिमी बारिश दर्ज की गई है। धर्मशाला, कंडाघाट और जाहू में दो-दो मिमी ताजा बारिश हुई है। मौसम विभाग ने पांच फरवरी तक अलर्ट जारी किया था और इसका व्यापक असर प्रदेश में देखने को मिला है। मौसम विभाग का अलर्ट खत्म हो गया है। मंगलवार से प्रदेश में धूप खिलेगी। आगामी एक सप्ताह तक मौसम के शुष्क बने रहने की संभावना जताई गई है। हालांकि बर्फबारी प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में न जाने की सलाह दी गई है। धूप खिलने के बाद इन क्षेत्रों में हिमस्खलन का खतरा बना रहेगा।