मंडी। राज्य में नशे के बढ़ते हुए प्रकोप के खिलाफ राज्य स्तर पर हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति अभियान चलाएगी। हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति की राज्य कार्यकारिणी की बैठक राज्य अध्यक्ष डॉ. ओपी भूरेटा की अध्यक्षता में मंडी में संपन्न हुई। समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में नशे के खिलाफ जन जागरूकता …
मंडी। राज्य में नशे के बढ़ते हुए प्रकोप के खिलाफ राज्य स्तर पर हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति अभियान चलाएगी। हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति की राज्य कार्यकारिणी की बैठक राज्य अध्यक्ष डॉ. ओपी भूरेटा की अध्यक्षता में मंडी में संपन्न हुई। समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में नशे के खिलाफ जन जागरूकता पैदा की जाएगी तथा नीतिगत स्तर पर भी हस्तक्षेप किया जाएगा। इसके लिए संगठन के स्तर पर एक कार्यशाला की जाएगी। जिसमें स्रोत व्यक्तियों की एक बड़ी टीम तैयार करके स्कूलों और गांव एवं शहरों के स्तर पर लोगों को जागरूक किया जाएगा। वहीं इसको लेकर प्रदेश स्तरीय कला जत्था भी तैयार किया जाएगा। राज्य सचिव सत्यवान पुंडीर ने बताया कि 28 फरवरी को शिमला में एक सेमिनार का आयोजन भी किया जाएगा। वहीं समिति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की पड़ताल के लिए सर्वेक्षण भी करेगी। कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति से पडऩे वाले प्रभावों पर भी चर्चा की गई। इसे शिक्षा के निजीकरण व संप्रदायिकरण की दिशा में कदम बताया।
समिति का मानना है कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर स्कूलों के बंद हो जाने से बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उन्हें मजबूरी में या तो निजी स्कूलों में जाना पड़ेगा। जिससे परिवार पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा अथवा पढ़ाई छूट जाएगी। समिति बंद किए गए स्कूलों से पड़े प्रभावों के आकलन के लिए भी एक सर्वेक्षण करेगी तथा ठोस अध्ययन के बाद समीक्षा रिपोर्ट तैयार करेगी। जलवायु परिवर्तन का प्रभाव प्रदेश में भयानक बरसात के तौर पर सामने आया। बरसात के दौरान इस बात का खुलासा भी हुआ कि फ ोरलेन, राष्ट्रीय राजमार्गों, विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण में पर्यावरण सुरक्षा नियमों की अनदेखी की गई और मलबे की डंपिंग में भी लापरवाही हुई है। जिसके नतीजे में प्रदेश को बारिश के दौरान अधिक नुकसान हुआ। समिति प्रदेश में पर्यावरण सुरक्षा पर भी काम करेगी। बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, समता, युवा एवं बाल उप समितियों का गठन किया गया। समिति जन सहयोग से गतिविधियों का आयोजन करने और संगठन के विस्तार के लिए सदस्यता अभियान तेज करने का निर्णय लिया गया। समित के उपाध्यक्ष जियानंद शर्मा, डा. आरके शर्मा, कोषाध्यक्ष भीम सिंह, सह सचिव गजेंद्र शर्मा, सुनीता पटियाल, सुनीता बिष्ट सदस्य ललित शर्मा, लालमन, नंदलाल, एनआर ठाकुर, धनवंती विशेष आमंत्रित सदस्य अखिल भारतीय जन विज्ञान आंदोलन के सदस्य जोगिंदर वालिया मौजूद रहे।