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गगल एयरपोर्ट विस्तार छह नहीं, 15 मरले जमीन दो

10 Feb 2024 5:50 AM GMT
गगल एयरपोर्ट विस्तार छह नहीं, 15 मरले जमीन दो
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गगल। गगल ग्राम पंचायत में हवाई अड्डा विस्तारीकरण को लेकर शुक्रवार को ग्राम पंचायत के वार्ड नंबर एक और दुकानदारों की जन सुनवाई हुई। इस जन सुनवाई के लिए जिला प्रशासन की तरफ से एडीएम हरीश गज्जू और एसडीएम कांगड़ा इशांत जसवाल भी मौजूद रहे। ग्राम पंचायत प्रधान रेणु पठानिया की अगआई में अपनी मांगें …

गगल। गगल ग्राम पंचायत में हवाई अड्डा विस्तारीकरण को लेकर शुक्रवार को ग्राम पंचायत के वार्ड नंबर एक और दुकानदारों की जन सुनवाई हुई। इस जन सुनवाई के लिए जिला प्रशासन की तरफ से एडीएम हरीश गज्जू और एसडीएम कांगड़ा इशांत जसवाल भी मौजूद रहे। ग्राम पंचायत प्रधान रेणु पठानिया की अगआई में अपनी मांगें रखीं। पंचायत प्रधान ने सरकार से मांग की कि सरकार हमें हमारी जमीनों के बदले मात्र छह मरले जमीन देने की बात कर रही है। यह हमें कतई मंजूर नहीं है । उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्येक परिवार के मुखिया के साथ साथ परिवार के सभी व्यस्क सदस्यों को 15 मरले जमीन दे । प्रधान ने कहा की गगल के ग्रामीण झुग्गी- झोंपडिय़ों में नहीं रहते हैं , जो सरकार ग्रामीणों को इंदिरा आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए ढेढ़ लाख दे रही है । उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सरकार ने आपदा प्रभावितों को घर बनाने के लिए सात लाख देने की घोषणा कर दी।

हमें सात लाख से भी 4 गुना पैसा चाहिए । गगल व्यापारिक हब है। यहां छोटे से लेकर बड़ा व्यापारी भी है। लोगों की इंडस्ट्री तक यहां स्थापित हैं। लगभग पांच हजार से ऊपर लोग इस बाजार में कार्य करके अपने परिवारों का भरण पोषण कर रहे हैं। इस विस्तारीकरण से मालिक, क्या नौकर भी सब एक झटके में बेरोजगार हो जाएंगे। नई जगह कारोबार जमाना मुश्किल होगा। ऐसे में उन्हें जरूरत के हिसाब से व्यापार चलाने के लिए जगह दी जाए। जितनी सुविधाएं उन्हें यहां मिलती हैं, उतनी दूसरी जगह दी जाएं। उन्हें घर और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए आसपास जगह दी जाए। जब तक उनका काम नहीं चलता है, तब तक उन्हें हर माह 35 हजार रुपए गुजारा भत्ता दिया जाए। उनको सभी सुविधाएं दी जाएं। पंचायत प्रधान ने यह भी कहा कि हवाई अड्डे का विस्तार होता है तो इस हवाई अड्डे में मिलने वाले रोजगार पर सबसे पहले प्रभावितों का हक होना चाहिए। गगल में पिछले 70 वर्षो से पंचायत की जमीन पर रहने वाले लोगों को भी मुआवजा और जमीन का प्रावधान भी सरकार को करना होगा। इसके अतिरिक्त और भी लिखित मांगें सरकार को प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा भेजी गईं।

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