शिमला। सैहब सोसायटी वर्कर्ज यूनियन के बैनर तले सैंकड़ों सैहब व आऊटसोर्स कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर व नगर निगम प्रशासन की तानाशाही व मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ डीसी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, कोषाध्यक्ष बालक राम, यूनियन अध्यक्ष जसवंत सिंह व महासचिव ओमप्रकाश गर्ग ने कहा …
शिमला। सैहब सोसायटी वर्कर्ज यूनियन के बैनर तले सैंकड़ों सैहब व आऊटसोर्स कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर व नगर निगम प्रशासन की तानाशाही व मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ डीसी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, कोषाध्यक्ष बालक राम, यूनियन अध्यक्ष जसवंत सिंह व महासचिव ओमप्रकाश गर्ग ने कहा कि अगर सैहब सोसायटी का निजीकरण अथवा आऊटसोर्स करने की कोशिश की गई तो कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे व शिमला शहर में कार्य पूरी तरह ठप्प कर देंगे। उन्होंने हैरानी व्यक्त की है कि नगर निगम प्रशासन सैहब के बायलॉज के खिलाफ कार्य कर रहा है व सैहब के कार्य की आऊटसोर्सिंग करने की साजिश रच रहा है। उन्होंने कहा कि जो अढ़ाई करोड़ रुपए नगर निगम घरों की मैपिंग के लिए क्यूआर कोड स्कैनिंग के लिए खर्च करना चाहता है।
उतने पैसे में 150 अतिरिक्त मजदूरों की भर्त्ती हो सकती है जिससे शहर को और ज्यादा स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी व कार्यरत मजदूरों पर काम का बोझ घटेगा। इतने पैसे से सभी सैहब व आऊटसोर्स कर्मियों को 3 वर्ष तक 15 हजार रुपए बोनस दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नगर निगम आयुक्त मजदूरों द्वारा दिए गए 32 सूत्रीय मांग पत्र के जरिए उठाई जा रही आवाज को दबाना चाहते हैं, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा व इसके खिलाफ सैहब कर्मी हड़ताल पर जाने का पूरा मन बना चुके हैं। उन्होंने मांग की है कि सभी सैहब सुपरवाइजरों व मजदूरों को सरकार द्वारा घोषित वेतन दिया जाए। सुपरवाइजरों व मजदूरों के लिए पदोन्नति नीति बनाई जाए। उनकी ईपीएफ की बकाया राशि उनके खाते में जमा की जाए। उनसे अतिरिक्त कार्य करवाना बन्द किया जाए। उन्होंने मांग की है कि सैहब एजीएम की बैठक तुरन्त बुलाई जाए व सैहब कर्मियों की मांगों को पूर्ण किया जाए।