शिमला। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग में पिछले छह माह से अध्यक्ष का पद खाली है। इस पद पर सरकार की ओर से कोई नई नियुक्ति नहीं की गई है। आयोग के अध्यक्ष को चुनने के लिए विज्ञापन जारी करने से पहले शिक्षा विभाग ने मंत्री रोहित ठाकुर की मंजूरी को फाइल भेजी है। मंत्री …
शिमला। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग में पिछले छह माह से अध्यक्ष का पद खाली है। इस पद पर सरकार की ओर से कोई नई नियुक्ति नहीं की गई है। आयोग के अध्यक्ष को चुनने के लिए विज्ञापन जारी करने से पहले शिक्षा विभाग ने मंत्री रोहित ठाकुर की मंजूरी को फाइल भेजी है। मंत्री की मंजूरी मिलने के बाद अध्यक्ष पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। प्रदेश सरकार से सेवानिवृत्त आईएएस और एचएएस अफसर नियुक्ति की आस में हैं और अपने जुगाड़ लगा रहे हैं। राज्य शिक्षण नियामक आयोग में अध्यक्ष का पद काफी अहम माना जाता है। यह आयोग शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी महत्त्वपूर्ण है। इसमें चल रहे सभी शिक्षण संस्थान पर नजर रखने के लिए सरकार ने राज्य शिक्षण नियामक आयोग की स्थापना की है। इसी के चलते प्रदेश में कोई भी शिक्षण संस्थान मनमानी फीस या अपने नए नियम छात्रों पर नहीं थोप सकता। ऐसा करने की सूरत में नियामक आयोग के पास कार्रवाई करने का पूरा अधिकार होता है।
आयोग में गत साल 14 अगस्त से अध्यक्ष का पद खाली है। इससे पूर्व मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक के पास आयोग की कमान रही। श्री कौशिक ने निजी विश्वविद्यालयों और कालेजों की कार्यप्रणाली में बड़ा सुधार लाया है। प्रदेश में चल रही इन यूनिवर्सिटी की गहनता से जांच की गई और जो भी कमियां पाई गईं, उस पर कार्रवाई भी की गई थी। यहां तक कि कई बड़ी यूनिवर्सिटी में शैक्षणिक योग्यता पूरी किए बिना नियुक्त कई कुलपतियों को इस दौरान अपने पदों से त्यागपत्र देना पड़ा था। विद्यार्थियों से अधिक फीस वसूली करने पर कई निजी शिक्षण संस्थानों पर पूर्व अध्यक्ष ने भारी-भरकम जुर्माने भी लगाए। गुणात्मक शिक्षा पर जोर देने के लिए भी कौशिक के कार्यकाल के दौरान कई महत्त्वपूर्ण कार्य किए गए। शिक्षण नियामक आयोग के पद पर सरकार की ओर से ही अध्यक्ष पद का सदस्य नियुक्त किया जाना है । वर्तमान में आयोग के दो सदस्य कार्य कर रहे हैं। अध्यक्ष चुनने के लिए शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से इस प्रस्ताव को मंजूर करने के बाद विज्ञापन जारी कर आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू के पास कई सेवानिवृत्त अधिकारी इस पद के लिए दावेदारी जता भी चुके हैं।