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तैनाती न होने से दवा निर्माता कंपनियों को भारी दिक्कत

24 Jan 2024 4:10 AM GMT
तैनाती न होने से दवा निर्माता कंपनियों को भारी दिक्कत
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बीबीएन। एशिया का फार्मा हब कहे जाने वाले हिमाचल में स्थापित दवा कंपनियां अनिश्चित भविष्य का सामना कर रही हैं, दरअसल राज्य दवा प्राधिकरण में बीते तीन सप्ताह से रिक्त चल रहे राज्य दवा नियंत्रक के पद पर प्रदेश सरकार किसी भी अधिकारी की तैनाती नहीं कर पाई है। हालात यह हैं कि राज्य दवा नियंत्रक …

बीबीएन। एशिया का फार्मा हब कहे जाने वाले हिमाचल में स्थापित दवा कंपनियां अनिश्चित भविष्य का सामना कर रही हैं, दरअसल राज्य दवा प्राधिकरण में बीते तीन सप्ताह से रिक्त चल रहे राज्य दवा नियंत्रक के पद पर प्रदेश सरकार किसी भी अधिकारी की तैनाती नहीं कर पाई है। हालात यह हैं कि राज्य दवा नियंत्रक के रिक्त पद पर किसी अधिकारी की तैनाती तो दूर, बीते 23 दिनों में किसी अन्य अधिकारी को चार्ज भी नहीं दिया गया है। ऐसे में दवा कंपनियों के राज्य दवा नियंत्रक से सबंधित सभी कार्य ठप्प हो गए है, दवा उद्यमियों क ो प्रोडक्ट अप्रूवल व विनिर्माण लाइसेंस का नवीनीकरण न होने से करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ रहा है। राज्य औषधि नियंत्रक के न होने से आवश्यक औपचारिकताएं पूरी नहीं हो पा रही है, जिसके नतीजतन दवाओं का निर्यात भी प्रभावित हो रहा है। बता दें कि हिमाचल में देश-दुनिया की 80 अग्रणी फार्मा कंपनियों के सयंत्रों सहित करीबन 650 फार्मा व कॉस्मेटिक कंपनियां उत्पादन कर रही हैं, जिनमें देश की जरूरत की 30 फीसदी दवाइयों का उत्पादन हो रहा है।

अके ले बीबीएन में ही 500 के करीब फार्मा व कॉस्मेटिक इकाइयां स्थापित हैं, जहां हिमाचल की 90 फ ीसदी दवाओं का उत्पादन होता है। प्रदेश में 250 से ज्यादा ऐसी निर्यात उन्मुख इकाइयां हैं, जो कि गुणवत्ता के पैमाने पर इंटरनेशनल सर्टिफिकेशन हासिल कर चुकी हैं, जिनमें डब्लयूएचओ, यूएसएफडीए, ईयू सर्टिफिकेशन शामिल हंै। मौजूदा समय में विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंजूरी वाली फार्मास्यूटिकल इकाइयों का कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। दरअसल डब्ल्यूएचओ की मंजूरी वाली इन दवा कंपनियों कों विभिन्न दैनिक कार्यों के लिए राज्य दवा नियंत्रक के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है। विगत 23 दिनों से दवा उद्यमी अपने काम के लिए प्राधिकरण के चक्कर काट रहे हंै, लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। बता दें कि 31 दिसंबर को नवनीत मारवाहा के राज्य दवा नियंत्रक के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद खाली है। राज्य सरकार तब से लेकर अब तक इस पद पर किसी अधिकारी की नियुक्ति नहीं कर पाई है।

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