
मंडी। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। प्रशासन के साथ ही देवी देवता समितियां भी तैयारियों में लगी हुई हैं। इसी बीच दशकों के बाद देव खुड्डी जहल देहरी कुल्लू ने भी शिवरात्रि में आने की इच्छा प्रकट की है। देवता राजाओं के समय शिवरात्रि महोत्सव में आते रहे हैं, …
मंडी। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। प्रशासन के साथ ही देवी देवता समितियां भी तैयारियों में लगी हुई हैं। इसी बीच दशकों के बाद देव खुड्डी जहल देहरी कुल्लू ने भी शिवरात्रि में आने की इच्छा प्रकट की है। देवता राजाओं के समय शिवरात्रि महोत्सव में आते रहे हैं, लेकिन उसके बाद से आना नहीं हुआ है। इस समय देवता का रथ मंडी जिला की सीमा के साथ ही कुल्लू जिला में देअरी गांव में है। जबकि देवता का मूल स्थान मंडी जिला के बगलाथाच में है। बगलाथाच से देवता अपने देवलुओं के साथ शिवरात्रि महोत्सव में वर्षो से आ रहे हैं, लेकिन देअरी के खुड्डी जहल भी अब शिवरात्रि में आने के लिए तैयार हो गए हैं। इसी को लेकर देवता समिति के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त मंडी से भी सोमवार को मुलाकात की और देवता की इच्छा से अवगत करवाया। समिति का कहना है कि देवता को बकायदा शिवरात्रि महोत्सव में आने का निमंत्रण प्रशासन की तरफ से भेजा जाए।
देवता के कारदार कमलेश कुमार ने बताया कि देवता राजाओं के शासन काल से शिवरात्रि महोत्सव में हिस्सा लेते हैं और राजा द्वारा उनको विशेष सम्मान भी दिया जाता था। परंतु बीच में किन्ही कारणों से शिवरात्रि महोत्सव में देवता शामिल नहीं हो सके हैं। इसके बाद से शिवरात्रि मेला कमेटी ने भी देवता को निमंत्रण पत्र भेजना बंद कर दिया। वहीं अब देवता ने फि र से शिवरात्रि महोत्सव में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है, जिसके लिए प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से मिला है। उधर, देवता की इस इच्छा से सर्व देवता कारदार समिति मंडी हालांकि सहमत नहीं है। सर्व देवता समिति के अध्यक्ष पंडित शिवपाल शर्मा ने बताया कि मामले को समिति की सभा में रखा जा चुका है। कुल्लू जिला के दो बड़े देवताओं देव बालूनाग और श्रंगी ऋषि ने भी शिवराति महोत्सव में आने की इच्छा जाहिर की है। देवता समिति के अध्यक्ष पंडित शिवपाल शर्मा ने बताया कि दोनों देवता शिवरात्रि में आना चाहते हैं, लेकिन यह संभव नहीं है। इस बार शिवरात्रि महोत्सव में पांच देवी देवताओं का पंजीकरण हो सकता है। सर्व देवता समिति ने पांच देवताओं को पंजीकृत करने का प्रस्ताव दिया है। इसे लेकर अंतिम निर्णय शिवरात्रि महोत्सव आयोजन समिति की आम सभा में लिया जाएगा।
