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ऊना। राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज आश्रम श्री राधा कृष्ण मंदिर कोटला कलां ऊना में 13 दिवसीय विशाल धार्मिक समागम के तीसरे दिन भक्तों का खूब सैलाब उमड़ा। राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज ने प्रवचन वर्षा करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा अध्यात्म का महाअमृत है, जो अपने अहं को मिटा लेते …
ऊना। राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज आश्रम श्री राधा कृष्ण मंदिर कोटला कलां ऊना में 13 दिवसीय विशाल धार्मिक समागम के तीसरे दिन भक्तों का खूब सैलाब उमड़ा। राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज ने प्रवचन वर्षा करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा अध्यात्म का महाअमृत है, जो अपने अहं को मिटा लेते हैं वे देवताओं के लिए भी आदर योग्य हो जाते हैं। मन की शांति आस्तिक को भी चाहिए और नास्तिक को भी। नास्तिक शांति को भौतिक जगत में खोजता है, जबकि आस्तिक प्रभु के चरणों में। नास्तिक को अंतत: निराशा ही हाथ लगती है। मन का भाव बदलते ही जीवन का लक्ष्य भी ऊंचा हो जाता है।
हमें किसी भगवान ने परेशानियों के दलदल में नहीं धकेल रखा है। गहन विचार करेंगे तो पता चलेगा कि आज की स्थिति के लिए हम स्वयं ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि श्रीभागवत कथा बार-बार सुनने से हृदय का परिवर्तन हो जाता है। जिस घर में भगवान की कथा होती है वह स्थान स्वर्ग बन जाता है। ईश्वर का सतत चिंतन करने से गंगा जैसी पवित्रता, हिमालय जैसी अडिगता, सागर जैसी गहराई एवं चंद्रमा जैसी शीतलता प्राप्त होती है। मन विकार रहित होकर परम सुख का अनुभव करता है।
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