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संकट में देश की सबसे बड़ी भूमिगत परियोजना

17 Jan 2024 3:56 AM GMT
संकट में देश की सबसे बड़ी भूमिगत परियोजना
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रामपुर बुशहर। हिमाचल प्रदेश के शिमला व किन्नौर जिला क्षेत्र में बनी देश की सबसे बड़ी भूमिगत परियोजना 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी से नदी में पानी की रिकार्ड कमी के कारण बिजली तैयार करना चुनौती पूर्ण हो गया है। पिछले 16, 17 वर्षों में पहली बार सतलुज नदी में पानी की कमी से बिजली …

रामपुर बुशहर। हिमाचल प्रदेश के शिमला व किन्नौर जिला क्षेत्र में बनी देश की सबसे बड़ी भूमिगत परियोजना 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी से नदी में पानी की रिकार्ड कमी के कारण बिजली तैयार करना चुनौती पूर्ण हो गया है। पिछले 16, 17 वर्षों में पहली बार सतलुज नदी में पानी की कमी से बिजली लक्ष्य से काफी कम उत्पादन हो रहा है।

परियोजना से गर्मियों के दिनों में 39 मिलियन यूनिट रोजाना बिजली तैयार होती है, लेकिन वर्तमान में इस विद्युत परियोजना से 6 मिलियन यूनिट से भी कम बिजली रोजाना तैयार हो रही है। वैसे नाथपा झाकड़ी से बिजली तैयार होकर उत्तरी ग्रिड के नौ राज्यों को भेजी जाती है, बिजली की कमी के कारण उत्तरी ग्रिड के राज्यों को भी मांग अनुसार बिजली नहीं मिल रही है।

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