x
हमीरपुर। प्रदेश में जारी बारिश के क्रम में जिला हमीरपुर में भी गुरुवार को दूसरे दिन बारिश होती रही। इस बारिश के कारण एक तरफ जहां ठंड में इजाफा हुआ है। वहीं मौसम सुहावना भी हो गया है, क्योंकि पिछले दिनों शुष्क ठंड के कारण कई तरह की बीमारियों का सामना लोगों को करना पड़ रहा …
हमीरपुर। प्रदेश में जारी बारिश के क्रम में जिला हमीरपुर में भी गुरुवार को दूसरे दिन बारिश होती रही। इस बारिश के कारण एक तरफ जहां ठंड में इजाफा हुआ है। वहीं मौसम सुहावना भी हो गया है, क्योंकि पिछले दिनों शुष्क ठंड के कारण कई तरह की बीमारियों का सामना लोगों को करना पड़ रहा था। गुरुवार को हमीरपुर शहर की दुकानों के बाहर लोगों अलाव सेंकते हुए भी नजर आए। बारिश के इस स्पैल में बड़सर में 54 एमएम, भोरंज में 45 व अघार में 26 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है। वहीं बारिश ने किसानों और बागबानों को भी राहत पहुंचाई है। क्योंकि सूखे की चपेट में आने से फसलें मुरझाना शुरू हो गई थीं। खासकर गेहूं पर काफी संकट आ गया था। हालांकि जो गेहंू अक्तूबर माह में बीजी गई थी उसके लिए तो यह बारिश फायदेमंद नहीं है, लेकिन नवंबर के आखिर में जहां गेहूं की बिजाई हुई है उस फसल के लिए यह बारिश किसी संजीवनी से कम नहीं है। बारिश से जहां खेतों में हरियाली छा गई है, वहीं बागबानों के बागीचे भी हरे-भरे नजर आ रहे हैं।
कृषि विशेज्ञज्ञ बारिश को सब्जियों के लिए भी उपयोगी बता रहे हैं। जिला में करीब 35 हजार हेक्टेयर भूमि पर लगभग 76 हजार से अधिक किसान खेतीबाड़ी का काम करते हैं। जिला के अधिकतर किसान बारिश पर निर्भर हैं। करीब अढ़ाई महीने से बारिश न होने से किसानों की 35 फीसदी से अधिक गेहूं फसल ड्राई स्पैल के चलते खराब हो गई है। ऐसे में किसानों की करोड़ों रुपए की गेहूं फसल खराब हो गई है, जिसकी भरपाई बारिश भी नहीं कर पाएगी। कृषि विभाग की मानें तो जिन किसानों ने अक्तूबर माह में (समय से पहले) ही गेहूं की बिजाई कर दी थी वह ज्यादातर फसल खराब हो चुकी है। इस गेहूं फसल को बारिश से कोई खास लाभ मिलने वाला नहीं है। यह फसल तूड़ी इत्यादि के काम ही आएगी। इसके अलावा नवंबर के आखिरी में या दिसंबर माह (देरी से की गई बिजाई) में की गई गेहूं बिजाई के लिए यह बारिश संजीवनी के समान है।
Next Story